USA के खिलाड़ी पर लगा फिक्सिंग का आरोप, ICC ने कार्रवाई करते हुए उठाया ये कदम

क्रिकेट में मैच फिक्सिंग का मामला जब भी सामने आता है, तो आईसीसी इस पर तुरंत एक्शन लेती है. इसी कड़ी में यूएसए के एक खिलाड़ी को सस्पेंड कर दिया गया है.

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Praveen Kumar Mishra

नई दिल्ली: क्रिकेट जगत में एक बार फिर मैच-फिक्सिंग का मामला सामने आया है. अमेरिका की राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ी बोदुगुम अखिलेश रेड्डी पर आईसीसी ने भ्रष्टाचार विरोधी नियमों के उल्लंघन के तीन गंभीर आरोप लगाए हैं. 

इसके बाद आईसीसी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें क्रिकेट के सभी गतिविधियों से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. अब आगे की जांच की जा रही है और इसके लिए जल्द ही फैसला लिया जाएगा.

कौन हैं अखिलेश रेड्डी?

25 साल के अखिलेश रेड्डी इस साल अमेरिका की सीनियर टीम के लिए डेब्यू कर चुके हैं. उन्होंने अभी तक अमेरिका के लिए चार टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं. वर्तमान में चल रहे अबू धाबी टी10 लीग 2025 में वह यूपी नवाब्स टीम की तरफ से खेल रहे थे. इसी टूर्नामेंट के दौरान उन पर ये आरोप लगे हैं.

क्या हैं तीनों आरोप?

आईसीसी ने अखिलेश रेड्डी पर अपने एंटी-करप्शन कोड के तीन अलग-अलग आर्टिकल्स का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है-

  • मैच को फिक्स करने या गलत तरीके से प्रभावित करने की कोशिश करना (आर्टिकल 2.1.1)  
  • किसी दूसरे व्यक्ति को फिक्सिंग के लिए उकसाना या प्रलोभन देना (आर्टिकल 2.1.4)  
  • जांच में बाधा डालना, जैसे मोबाइल फोन से मैसेज या डाटा डिलीट करना (आर्टिकल 2.4.7)

लंबे समय तक लग सकता है बैन

ये सभी आरोप बहुत गंभीर हैं और अगर साबित हो गए तो खिलाड़ी को लंबे समय तक का बैन भी हो सकता है. 21 नवंबर 2025 को आईसीसी ने आधिकारिक बयान जारी कर अखिलेश रेड्डी को प्रोविजनल सस्पेंशन (अस्थायी निलंबन) दे दिया. 

इसका मतलब है कि अभी पूरी जांच पूरी होने तक वह कोई भी क्रिकेट मैच नहीं खेल सकते न ही क्रिकेट से जुड़ी किसी गतिविधि में हिस्सा ले सकते हैं.

14 दिन का दिया गया समय

आईसीसी ने साफ कहा है कि ये निलंबन सिर्फ सावधानी के तौर पर है और इसका मतलब ये नहीं कि खिलाड़ी दोषी है. अखिलेश रेड्डी को 21 नवंबर से 14 दिन का समय दिया गया है यानी 5 दिसंबर 2025 तक वह इन आरोपों का जवाब दे सकते हैं.

एमिरेट्स क्रिकेट बोर्ड की भूमिका

अबू धाबी टी10 लीग में भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जिम्मेदारी एमिरेट्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) की है. ईसीबी ने आईसीसी को अपना डेजिग्नेटेड एंटी-करप्शन ऑफिशियल (DACO) नियुक्त किया है, इसलिए ये सारी कार्रवाई आईसीसी ईसीबी की ओर से कर रहा है.