Rishabh Pant on Virat Kohli: टीम इंडिया के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत इन दिनों चर्चा में हैं. टी20 विश्व कप 2024 के पहले ही मुकाबले में उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ नाबाद 36 रनों की पारी खेली थी, उससे पहले अभ्यास मैच में बांग्लादेश के खिलाफ फिफ्टी ठोककर अपने इरादे साफ किए थे. इस टूर्नामेंट में शामिल होने से पहले ऋषभ पंत इंडिया टीवी के मशहूर टॉक शो 'आप की अदालत' में पहुंचे थे. जहां उन्होंने टीम के सीनियर खिलाड़ी विराट कोहली से जुड़े सवालों पर खुलकर जवाब दिया.
प्लेइंग 11 से बाहर पंत के दिमाग में कुछ खुरापात का आईडिया आया, इसके बाद पंत ने जो कुछ भी किया, उस पर विराट ने उन्हें इशारों ही इशारों में कहा 'बैठ जा वरना बहुत मारूंगा..' अब पंत ने इस पूरी घटना पर 'आप की अदालत' में बात की और खुद की गलती को भी खुलकर स्वीकार किया और माना कि उन्होंने कोहली को स्लेजिंग करने की पूरी कोशिश की थी.
कोहली का ध्यान भटकाने की पूरी कोशिश
दरअसल, आईपीएल 2024 में विराट कोहली की टीम लगातार 4 मैच जीत चुकी थी. उसे प्लेऑफ में जाने के लिए दिल्ली के खिलाफ यह मैच जीतना जरूरी था, जबकि दिल्ली के लिए भी यह बड़ा मैच था. चूंकि पंत मुकाबला खेल नहीं रहे थे, इसलिए उन्होंने ड्रेसिंग रूम से ही विराट कोहली को बल्लेबाजी करते समय परेशान करने की पूरी कोशिश की, ताकि उनका ध्यान भटके और वो आउट हो सकें.
कैसे बचे थे ऋषभ पंत?
यह मुकाबला 15 मई को खेला गया था. जिसमें विराट कोहली ने 13 गेंदों पर 27 रन किए थे, उन्हें बाद में ईशांत शर्मा ने आउट किया था, लेकिन जब कोहली बैटिंग कर रहे थे तभी पंत चेंज रूम में खड़े होकर कोहली की लय बिगाड़ने की हरकतें कर रहे थे, विराट ने उन्हें ऐसा करते हुए देख लिया. तब कोहली ने इशारा किया कि बैठ जाओ, वरना मैं तुम्हें मारूंगा.' पहले तो पंत समझ ही नहीं पाए कि कोहली उन्हें ही ऐसा कह रहे हैं, लेकिन जैसे ही पंत ने समझा कि मामला बिगड़ने वाला है तो वो वहां से कट निकले.' उस मैच में आरसीबी ने 47 रन से जीत दर्ज की थी.
कॉमेडी करने से पंत को मिलती है ऊर्जा
ऋषभ पंत मैदान पर कॉमेडी करते रहते हैं. उनका अंदाज मस्तमौला वाला है. उन्होंने ये भी कहा कि मैदान पर मनोरंजन करने के लिए वे पहले आमतौर पर विराट कोहली से इजाजत लेते हैं, ऐसा करने से उन्हें टीम के बाकी खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने में मदद मिलती है. पंत ने कहा "मैं वास्तव में उनकी अनुमति लेता हूं और कोशिश करता हूं. 'मुझे मैच के दौरान स्वतंत्र रहने दें. मुझे जो महसूस हो रहा है, उसे बोलने दें. मुझे ऊर्जा महसूस करने दें और मैं टीम की ऊर्जा को बढ़ाऊंगा. मैं वही कहता हूं जो मुझे लगता है. जब तक आप किसी के बारे में बुरा नहीं सोचते, तब तक सब कुछ ठीक है."