बेंगलुरु भगदड़ के मामले पर सुनील गावस्कर ने दिया बड़ा बयान, बोले- 'अगर वे पहले ट्रॉफी जीतते तो...'
Bengaluru Stampede: बेंगलुरु में भगदड़ मचने के बाद 11 लोगों की मौत हो गई थी. ऐसे में अब इस मामले पर भारत के पूर्व महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने बड़ा बयान दिया है.

Bengaluru Stampede: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की पहली IPL ट्रॉफी जीत की खुशी में हुई बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ ने 11 लोगों की जान ले ली. इस दुखद घटना पर भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर ने गहरा दुख जताया है. उन्होंने इस हादसे के पीछे की वजह और RCB फैंस की भावनाओं को लेकर भी बयान किया है.
बता दें कि बेंगलुरु ने बस परेड का आयोजन किया था, जिसके बाद फैंस हुजूम उमड़ पड़ा और भीड़ को काबू कर पाना मुश्किल हो गया. ऐसे में अब गावस्कर का मानना है कि अगर बेंगलुरु की टीम पहले ट्रॉफी जीत जाती तो उन्हें ये दिन नहीं देखना पड़ता.
18 साल की प्रतीक्षा और भावनाओं का उफान
सुनील गावस्कर ने अपने कॉलम में लिखा कि RCB के फैंस ने 18 साल तक ट्रॉफी का इंतजार किया, जिसकी वजह से इस जीत के बाद उनकी भावनाएं फूट पड़ीं. उन्होंने कहा, "अगर RCB पहले कुछ सालों में ट्रॉफी जीत लेता, तो शायद इतनी भावुक प्रतिक्रिया नहीं होती, जैसा कि 18 साल की लंबी प्रतीक्षा के बाद देखने को मिली. अन्य टीमों ने भी ट्रॉफी जीती, लेकिन उनके जश्न में इतना उत्साह नहीं था, शायद क्योंकि उनके फैंस को इतना इंतजार नहीं करना पड़ा."
गावस्कर ने बताया कि 'ई साला कप नम्दे' का नारा टीम के लिए बोझ बन गया था. लेकिन इस साल जब यह नारा ज्यादा नहीं सुना गया, तो टीम ने शानदार क्रिकेट खेली, खासकर घर से दूर. उन्होंने RCB की इस सफलता को सराहा, जो इस सीजन में अपने सभी बाहर के मैच जीतकर नया रिकॉर्ड बनाया.
भगदड़ का दुख और फैंस की भावना
इस दुखद भगदड़ पर गावस्कर ने कहा कि फैंस की यह प्रतिक्रिया उनकी मेहनत और प्यार का नतीजा थी. उन्होंने लिखा, "उन्होंने हर बाहर का मैच जीता, जो IPL में नया रिकॉर्ड है. इसलिए घरेलू फैंस उन्हें खास सम्मान देना चाहते थे. लेकिन इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है."
गावस्कर ने यह भी कहा कि फैंस की दुआएं टीम की किस्मत बदल सकती हैं, और शायद इन प्रार्थनाओं ने ही बेंगलुरु तक वह खोई हुई ट्रॉफी लाई. हादसे की वजह से 11 लोगों की मौत और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए, जो इस जश्न को दुखद बना गया.