Sourav Ganguly: पूर्व भारतीय कप्तान और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली एक बार फिर सुर्खियों में हैं. इस बार वह बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (CAB) के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. गांगुली ने हाल ही में पुष्टि की है कि वह CAB की वार्षिक आम बैठक (AGM) से पहले अपना नामांकन दाखिल करेंगे. अगर वह इस दौड़ में उतरते हैं, तो माना जा रहा है कि वह बिना किसी विरोध के इस पद पर काबिज हो सकते हैं.
सौरव गांगुली का CAB के साथ पुराना नाता है. उन्होंने 2015 में CAB के सचिव के रूप में काम शुरू किया था और उसी साल बाद में अध्यक्ष बने. वह 2019 तक इस पद पर रहे. अब उनके बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली, जो वर्तमान में CAB के अध्यक्ष हैं, लोढ़ा समिति के नियमों के कारण इस पद के लिए अयोग्य हो गए हैं. इन नियमों के तहत एक निश्चित कार्यकाल के बाद पद छोड़ना पड़ता है. ऐसे में सौरव गांगुली के लिए CAB में वापसी का रास्ता खुल गया है.
सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट में एक क्रांतिकारी नेता माना जाता है. चाहे वह मैदान पर उनकी कप्तानी हो या फिर CAB और बीसीसीआई में उनकी प्रशासनिक भूमिका, गांगुली ने हमेशा क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम किया. वे 2015 से लेकर 2019 तक इस पद पर पहले भी रह चुके हैं और उन्होंने बंगाल क्रिकेट के लिए कई मजबूत कदम उठाए. उन्होंने आधुनिक सुविधाओं और बेहतर कोचिंग पर ध्यान दिया, जिसके चलते बंगाल की रणजी ट्रॉफी जैसी घरेलू प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन देखने को मिला.
2019 से 2022 तक बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में गांगुली ने भारतीय क्रिकेट को नई दिशा दी. उनके नेतृत्व में बेंगलुरु में एक विश्वस्तरीय नेशनल क्रिकेट एकैडमी (NCA) बनाई गई, जो युवा क्रिकेटरों को बेहतरीन प्रशिक्षण दे रही है. इसके अलावा, गांगुली ने महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए वूमेंस टी20 चैलेंज की शुरुआत की, जिसने महिला खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का बड़ा मंच दिया. गांगुली के कार्यकाल में बीसीसीआई ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के लिए 2023-2027 के बीच 48,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की मीडिया राइट्स डील हासिल की.