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'5-6 महीनों से नहीं हुई जोरावर से कोई भी बात...', क्रिकेटर शिखर धवन का अपने बेटे को लेकर भावुक बयान 

Shikhar Dhawan: शिखर धवन का अपने बेटे जोरावर के लिए प्यार छुपा नहीं है. लेकिन यह अनुभवी क्रिकेटर पिछले 5-6 महीने से ना अपने बेटे से मिला है और ना ही बात की है.

Antriksh Singh

Shikhar Dhawan: भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने बेटे जोरावर को लेकर भावुक बयान दिया है. उन्होंने बताया कि वह अपने बेटे को गले लगाना चाहते हैं, लेकिन पिछले पांच-छह महीनों में उनकी मुलाकात नहीं हो पाई है. धवन ने अपनी पत्नी आइशा मुखर्जी से तलाक के बाद अपने जीवन के बारे में खुलकर बात की.

दिल की बात

38 वर्षीय धवन ने 'Humans of Bombay' से बातचीत में अपने दिल की बात कहते हुए कहा कि वह जोरावर को वह पिता का प्यार देना चाहते हैं, जिसका वह हकदार है.

उन्होंने कहा, "जब मैं अपने बेटे से ऑस्ट्रेलिया में मिलने जाता था, तो वह मुझसे सिर्फ कुछ घंटों के लिए ही मिलता था. मैं उसके साथ अच्छा समय बिताना चाहता हूं, चाहता हूं कि वह मेरी गोद में सोए, मैं उसे गले लगाकर जकड़ना चाहता हूं, उसे वह पिता का प्यार देना चाहता हूं, जिसका वह हकदार है. पिछले 5-6 महीनों में मेरी उससे कोई बात नहीं हुई है."

बेटे के लिए क्या बोले

धवन ने आगे कहा, "मैं अभी भी सकारात्मक हूं और अपने बेटे को प्यार भेज रहा हूं. मैं चाहता हूं कि वह खुश रहे, उम्मीद है कि एक दिन भगवान चाहेगा तो वह वापस मेरे पास आ जाएगा."

धवन का यह बयान उनके बेटे के जन्मदिन पर लिखे एक भावुक नोट के ठीक एक महीने बाद आया है.

शादी का अनुभव कड़वा रहा

धवन ने 2012 में आइशा से शादी की थी, जिसकी पहली शादी से दो बेटियां थीं. हालांकि, 2021 में शादी टूटने के बाद दोनों अलग हो गए. अदालत ने माना था कि आइशा ने धवन को उनके बेटे से दूर रखकर क्रूरता की है.

बेटे से मिलने के अधिकार हैं

अदालत ने धवन को भारत और ऑस्ट्रेलिया में अपने बेटे से मिलने के लिए अनिवार्य मुलाकात के अधिकार भी दिए है. खासकर स्कूल की छुट्टियों के दौरान बेटे के साथ रातभर भी रह सकते हैं. हालांकि, हालिया बयान से पता चलता है कि धवन को अपने बेटे के साथ संपर्क स्थापित करने में अभी भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

टीम में जगह के लिए भी संघर्ष

इसके अलावा, लेफ्ट-हैंडेड बल्लेबाज सभी प्रारूपों में भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. 2018 में टेस्ट टीम में अपनी जगह खोने के बाद, धवन को 2021 में टी20 से बाहर कर दिया गया और 2022 में वनडे में अपनी जगह खो दी. इसके बावजूद शिखर ने उस साल कई बार दूसरी पंक्ति की भारतीय टीमों का नेतृत्व किया.