Shardul Thakur: मुंबई के ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर ने रणजी ट्रॉफी में जम्मू-कश्मीर के खिलाफ मुकाबले में शानदार पारी खेलते हुए चयनकर्ताओं को अपनी क्षमता का संदेश दिया. अजीत अगरकर की अगुवाई वाली चयन समिति द्वारा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए टेस्ट टीम में नजरअंदाज किए जाने के बाद ठाकुर ने यह प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के बाद उनका कहना था कि खिलाड़ियों को उनकी क्वालिटी को देखते हुए मौका देना चाहिए.
मुंबई की टीम, जिसमें रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल जैसे सितारे शामिल थे, अपनी घरेलू पिच पर 47 रन पर 7 विकेट गंवा चुकी थी. ऐसे में शार्दुल ठाकुर ने 57 गेंदों में 51 रन की संयमित पारी खेलकर टीम को 120 के स्कोर तक पहुंचाया. उन्होंने अपनी पारी में 5 चौके और 2 छक्के लगाए. यह पारी ठाकुर के पिछले सीजन के प्रदर्शन की याद दिलाती है, जब उन्होंने इसी मैदान पर तमिलनाडु के खिलाफ सेमीफाइनल में अपना पहला प्रथम श्रेणी शतक बनाया था. तब उन्होंने 105 गेंदों में 109 रन बनाए थे, जिसमें 13 चौके और 4 छक्के शामिल थे. उस मैच में मुंबई ने 106/7 से वापसी करते हुए 378 का स्कोर बनाया और पारी व 70 रन से जीत दर्ज की.
पहले दिन के खेल के बाद मीडिया से बात करते हुए ठाकुर ने चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी हालिया बल्लेबाजी पर खींचा. उन्होंने कहा, "मेरी गुणवत्ता के बारे में मैं क्या कहूं? दूसरों को इस पर बात करनी चाहिए. अगर किसी खिलाड़ी में गुणवत्ता है, तो उसे अधिक मौके मिलने चाहिए. मुझे मुश्किल परिस्थितियों में बल्लेबाजी करना पसंद है. आसान हालात में सभी अच्छा प्रदर्शन करते हैं, लेकिन चुनौतीपूर्ण समय में आप कैसा प्रदर्शन करते हैं, यह मायने रखता है. मैं कठिन परिस्थितियों को चुनौती के रूप में देखता हूं और सोचता हूं कि इसे कैसे पार किया जाए."
ठैकुर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, "जो कुछ भी अतीत में हुआ है, उसे भूलना होगा, क्योंकि उसे बदला नहीं जा सकता. वर्तमान पर ध्यान देना और निकट भविष्य में क्या किया जा सकता है, यह ज्यादा महत्वपूर्ण है."
अगर शार्दुल की बात करें तो इस खिलाड़ी ने भारत के लिए शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन इसके बाद भी उन्हें टीम से बाहर कर दिया जाता है. वे आखिरी बार टीम इंडिया के लिए साल 2023 में खेलते हुए दिखाई दिए थे.