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India Daily

साउथ अफ्रीका से हार के बाद चारों तरफ से घिरे गौतम गंभीर को मिला अश्विन का समर्थन, आलोचकों को दिखाया आईना

साउथ अफ्रीका के खिलाफ हार के बाद रविचंद्रन अश्विन की हर तरफ आलोचना हो रही है. इसी कड़ी में उन्हें रविचंद्रन अश्विन का समर्थन मिला है.

R Ashwin
Courtesy: X

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम को हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज में 0-2 से हार झेलनी पड़ी है. इस हार के बाद टीम के हेड कोच गौतम गंभीर काफी आलोचनाओं के घेरे में हैं. कई पूर्व खिलाड़ी और क्रिकेट विशेषज्ञ उन पर सवाल उठा रहे हैं. 

हालांकि, इस मुश्किल वक्त में गौतम गंभीर को टीम इंडिया के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का पूरा समर्थन मिला है. अश्विन ने साफ शब्दों में आलोचकों को समझाया कि सिर्फ कोच को जिम्मेदार ठहराना गलत है.

रविचंद्रन अश्विन ने किया गौतम गंभीर का समर्थन

अपने यूट्यूब चैनल ऐश की बात में रविचंद्रन अश्विन ने खुलकर बात की. उन्होंने कहा, "हमें सिर्फ गौतम गंभीर की आलोचना नहीं करनी चाहिए. क्रिकेट एक टीम गेम है. एक पूरी टीम को संभालना इतना आसान नहीं होता."

अश्विन ने आगे कहा, "हार से गंभीर भी उतना ही दुखी हैं जितना हम सब हैं. मैं उनका रिश्तेदार नहीं हूं कि बस सपोर्ट कर रहा हूं. मैं चाहूं तो उनकी 10 गलतियां भी गिना सकता हूं लेकिन गलतियां हर कोई करता है. जब गलतियां महंगी पड़ती हैं, तब मुश्किल बढ़ जाती है."

कोच बनाते हैं रणनीति: अश्विन

अश्विन ने यह भी साफ किया कि कोच का काम मैदान के बाहर रणनीति बनाना है. मैदान पर तो खिलाड़ी ही खेलते हैं. कोच खुद बल्ला या गेंद लेकर मैदान पर नहीं उतर सकता. उन्होंने कहा, "अपने आप को कोच की जगह रखकर देखिए, तब समझ आएगा कि दबाव कितना होता है."

घरेलू मैदान पर लगातार दो क्लीन स्वीप

गौतम गंभीर जुलाई 2024 में भारतीय टीम के हेड कोच बने थे. उनके आने के बाद घरेलू सरजमीं पर टेस्ट क्रिकेट में टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है. पहले न्यूजीलैंड ने भारत को 0-3 से हराया. अब दक्षिण अफ्रीका ने 0-2 से हरा दिया.

इससे पहले भारत को घर में कभी लगातार दो टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप नहीं झेलनी पड़ी थी. कई लोग इसका कारण टीम में बार-बार बदलाव और कम अनुभवी खिलाड़ियों को मौका देना बता रहे हैं. इसी वजह से गंभीर पर सवाल उठ रहे हैं.

खिलाड़ियों को भी जिम्मेदारी लेनी होगी

अश्विन ने माना कि टीम में रोटेशन जरूरत से ज्यादा हुआ है लेकिन साथ ही उन्होंने खिलाड़ियों को भी आड़े हाथों लिया. उनका कहना था कि मौका मिलने के बाद प्रदर्शन करना खिलाड़ियों की जिम्मेदारी है. कोच अकेला सब कुछ नहीं कर सकता. अगर खिलाड़ी रन नहीं बनाते या विकेट नहीं लेते, तो हार तो होगी ही.

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