अश्विन ने BCCI के ब्रोन्को टेस्ट को खिलाड़ियों के लिए बताया खतरनाक! नए नियम को लेकर उठाए सवाल
Ravichandran Ashwin: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने हाल ही में ब्रोन्को टेस्ट को लेकर नया नियम बनाया है. ऐसे में भारत के पूर्व दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन इससे नाराज हैं और उन्होंने इसे खिलाड़ियों के लिए खतरनाक बताया है.
Ravichandran Ashwin: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने BCCI और टीम प्रबंधन को एक गंभीर चेतावनी दी है. उन्होंने हाल ही में शुरू किए गए ब्रोन्को टेस्ट को लेकर सवाल उठाए हैं, जिसे खिलाड़ियों की फिटनेस जांचने के लिए लागू किया गया है. अश्विन का कहना है कि बार-बार बदलते ट्रेनिंग और टेस्टिंग तरीके खिलाड़ियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं और इससे चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है.
ब्रोन्को टेस्ट एक ऐसा फिटनेस टेस्ट है, जो खिलाड़ियों की सहनशक्ति और हृदय की क्षमता को मापता है. इसमें खिलाड़ियों को 20 मीटर, 40 मीटर और 60 मीटर की दूरी वाली पांच सेट की शटल रनिंग बिना रुके पूरी करनी होती है. एक सेट में कुल 120 मीटर की दूरी होती है, यानी पांच सेट मिलाकर 1200 मीटर.
रविचंद्रन अश्विन ने जताई चिंता
अपने यूट्यूब चैनल ‘अश की बात’ पर अश्विन ने कहा कि जब भी कोच या ट्रेनर बदलते हैं, उनके साथ नए ट्रेनिंग और टेस्टिंग तरीके आते हैं. इन बदलावों के कारण खिलाड़ियों को तालमेल बिठाने में दिक्कत होती है. उन्होंने बताया कि 2017 से 2019 तक वह खुद इस तरह की परेशानियों से गुजरे, जब उन्हें अपनी ट्रेनिंग का सही तरीका ढूंढने में मुश्किल हुई. अश्विन का कहना है कि बार-बार बदलते तरीके खिलाड़ियों के लिए न केवल मुश्किल हैं, बल्कि इससे चोट लगने का खतरा भी बढ़ जाता है.
निरंतरता की जरूरत
अश्विन ने सुझाव दिया कि नए ट्रेनर को पुराने ट्रेनर के साथ कम से कम 6 महीने से एक साल तक काम करना चाहिए, ताकि खिलाड़ियों को नए तरीकों में ढलने का समय मिले. उन्होंने कहा, “खिलाड़ियों के लिए निरंतरता बहुत जरूरी है. अगर कोई तरीका अच्छा काम कर रहा है, तो उसे बदलने की जरूरत नहीं है. अगर बदलाव जरूरी है, तो पहले इस पर चर्चा होनी चाहिए.”
BCCI से अश्विन की अपील
अश्विन ने BCCI से अपील की कि वे इस मुद्दे पर ध्यान दें. उनका कहना है कि भारत के पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है, इसलिए खिलाड़ियों की फिटनेस और ट्रेनिंग में निरंतरता बनाए रखने के लिए बेहतर योजना बनाई जानी चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि खिलाड़ियों को नए तरीकों में ढलने के लिए समय और सहयोग देना जरूरी है, ताकि उनकी सेहत और प्रदर्शन पर बुरा असर न पड़े.