नई दिल्ली: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार को इतिहास रच दिया. पहली बार आईसीसी महिला वनडे विश्व कप जीतकर टीम ने पूरे देश को गर्व से भर दिया. इस जीत के बाद पूर्व भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने एक ऐसा बयान दिया जो हर किसी को चौंका गया. उन्होंने कहा कि महिला टीम ने जो किया, वह पुरुष टीम ने कभी नहीं किया.
हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली टीम ने नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खिताबी मुकाबले में शानदार प्रदर्शन किया. जीत के बाद सबसे खास पल तब आया जब टीम ने भारतीय महिला क्रिकेट की दिग्गजों मिताली राज, झूलन गोस्वामी और अंजुम चोपड़ा को स्टेज पर बुलाया.
अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, "यह जीत बहुत खास है. 2016-17 में हरमनप्रीत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वो शानदार पारी खेली थी. उसके बाद इंग्लैंड से हार का दर्द हुआ. उस विश्व कप में झूलन और मिताली थीं. कल टीम ने ट्रॉफी मिताली को दी. मैं महिला टीम को सलाम करता हूं. पुरुष टीम ने कभी ऐसा नहीं किया."
अश्विन का बयान इसलिए खास था क्योंकि उन्होंने बेबाकी से सच कहा. पुरुष टीम अक्सर पूर्व खिलाड़ियों का सम्मान करने की बात करती है लेकिन महिला टीम ने इसे दिल से दिखाया. कोई लंबे भाषण नहीं, कोई दिखावा नहीं सिर्फ सच्चा सम्मान.
उन्होंने कहा, "मीडिया के सामने हम कहते हैं कि फलां ने यह किया, फलां ने वह किया. लेकिन पिछली पीढ़ी को सच्चा सम्मान देते हुए मैंने कम ही देखा है. अक्सर बात होती है कि हमारी पीढ़ी की टीम अच्छी है, आपकी नहीं थी. ऐसी चर्चाएं बहुत सुनने को मिलती हैं."
यह रात झूलन गोस्वामी के लिए सबसे खास थी. 2022 में संन्यास ले चुकीं इस तेज गेंदबाज ने पूरे करियर में विश्व कप ट्रॉफी को छुआ तक नहीं था. हालांकि, हरमनप्रीत और उनकी टीम ने उन्हें ट्रॉफी सौंप दी. झूलन की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे.
स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत में झूलन ने बताया, "विश्व कप से पहले लड़कियां आधी रात को मेरे कमरे में आईं. उन्होंने वादा किया, 'हम यह आपके लिए करेंगे.' उन्होंने कहा, 'शायद अगली बार आप न हों, लेकिन हम जीतेंगे आपके लिए.' और उन्होंने कर दिखाया. इसी वजह से मैं भावुक हो गई."