वर्ल्ड कप विजेता भारतीय महिला क्रिकेटर्स को रेलवे का स्पेशल प्रमोशन, अब मिलेंगी ये हाई-फाई सुविधाएं
भारतीय रेलवे ने ICC वुमेंस वनडे वर्ल्ड कप विजेता 3 महिला क्रिकेटर्स – प्रतीका रावल, स्नेह राणा और रेणुका सिंह ठाकुर – को ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD- स्पोर्ट्स) पद पर नियुक्त किया, ग्रुप बी गजेटेड वेतन और सुविधाएं मिलेंगी.
नई दिल्ली: आईसीसी वुमेंस वनडे वर्ल्ड कप 2025 में भारत की विजयी टीम के तीन प्रमुख खिलाड़ियों को भारतीय रेलवे ने विशेष सम्मान और जिम्मेदारी दी है. प्रतीका रावल, स्नेह राणा और रेणुका सिंह ठाकुर को रेलवे में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी-स्पोर्ट्स) के पद पर नियुक्त किया गया है. इस नियुक्ति के तहत इन खिलाड़ियों को ग्रुप बी गजेटेड ऑफिसर के समकक्ष वेतन और अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी.
रेलवे स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड (RSBP) की इस पहल से महिला क्रिकेटरों को आर्थिक सुरक्षा के साथ-साथ प्रशासनिक जिम्मेदारी भी सौंपी गई है. इससे न केवल खेल में उत्कृष्टता को मान्यता मिलेगी, बल्कि खिलाड़ियों के करियर को स्थायित्व भी मिलेगा.
महिला वर्ल्ड कप में भारत का शानदार प्रदर्शन
इस साल महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप का आयोजन भारत और श्रीलंका की संयुक्त मेजबानी में हुआ था. यह टूर्नामेंट 30 सितंबर 2025 से शुरू होकर 2 नवंबर को फाइनल तक चला. भारतीय टीम की कप्तानी हरमनप्रीत कौर ने की और टीम ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर पहली बार वर्ल्ड चैम्पियन का खिताब जीता.
प्रतिका रावल ने ग्रुप स्टेज के मैचों में यादगार प्रदर्शन किया. हालांकि, उन्हें सेमीफाइनल से ठीक पहले चोट लगी, जिसके कारण वह टूर्नामेंट से बाहर हो गई थीं. उनकी जगह शेफाली वर्मा ने टीम में खेला.
स्नेह राणा को वर्ल्ड कप में बॉलिंग ऑलराउंडर के रूप में शामिल किया गया. उन्होंने कई महत्वपूर्ण मैचों में टीम के लिए योगदान दिया, हालांकि न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच के बाद उन्हें और मौके नहीं मिले.
रेणुका सिंह की गेंदबाजी पूरे टूर्नामेंट में शानदार रही. फाइनल में उन्होंने 8 ओवर में केवल 28 रन खर्च किए और दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को सीमित रन बनाने पर मजबूर किया.
महिला खिलाड़ियों के लिए यह बड़ी उपलब्धि
भारतीय रेलवे की इस नियुक्ति से महिला क्रिकेटरों को खेल के अलावा प्रशासनिक क्षेत्र में भी मान्यता मिल रही है. प्रतीका रावल, स्नेह राणा और रेणुका सिंह अब न केवल खेल में बल्कि प्रशासनिक जिम्मेदारी निभाने में भी अग्रणी होंगी. इस पहल से भविष्य में और अधिक महिला खिलाड़ियों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.