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India Daily

ICC चीफ जय शाह ने प्रतिका रावल को दिलाया उसका हक, मिला वर्ल्ड कप विनिंग मेडल

अंतिम ग्रुप-स्टेज मैच के दौरान टखने में मोच आने के बाद प्रतीका टूर्नामेंट से बाहर हो गई थीं और सेमीफाइनल से पहले उनकी जगह शेफाली वर्मा को टीम में शामिल किया गया था.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Pratika Rawal winner medal
Courtesy: X

नई दिल्ली: भारत की सलामी बल्लेबाज प्रतीका रावल को आईसीसी अध्यक्ष जय शाह के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के बाद महिला विश्व कप 2025 विजेता पदक प्राप्त हुआ है. प्रतीका के के पिता प्रदीप रावल ने इसकी पुष्टि की है.

गौरतलब है कि 23 वर्षीय बल्लेबाज बांग्लादेश के खिलाफ भारत के अंतिम ग्रुप-स्टेज मैच के दौरान टखने में मोच आने के बाद टूर्नामेंट से बाहर हो गई थीं और बाद में सेमीफाइनल से पहले उनकी जगह शेफाली वर्मा को टीम में शामिल किया गया था.

शेफाली ने खिताबी जीत में निभाई अहम भूमिका

शेफाली ने भारत के खिताबी अभियान में अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने नवी मुंबई के डॉ. डीवाई पाटिल स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए फाइनल मैच में बल्ले और गेंद दोनों से शानदार प्रदर्शन किया और टीम को 52 रनों से जीत दिलाई.

जीत के जश्न के दौरान व्हीलचेयर पर नजर आईं थी प्रतीका

खिताबी जीत के बाद जब भारतीय खिलाड़ी अपनी ऐतिहासिक जीत का जश्न मना रहे थे, तब प्रतीका व्हीलचेयर पर नजर आईं थी, लेकिन उनके पास विजेता पदक नहीं था, क्योंकि आईसीसी के नियमों के अनुसार पदक केवल चैंपियनशिप मैच टीम में आधिकारिक तौर पर नामित 15 खिलाड़ियों तक ही सीमित है.

पीएम से मुलाकात के दौरान विजेता पदक पहने नजर आई

हालांकि, जब विजेता टीम ने बाद में नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की, तो प्रतीका को विजेता पदक पहने देखा गया, जिससे सोशल मीडिया पर प्रशंसकों में यह जानने की उत्सुकता बढ़ गई कि उन्हें यह पदक कैसे मिला.

क्या कहा प्रतीका के पिता ने?

मीडिया से बात करते हुए, उनके पिता प्रदीप रावल ने स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि जय शाह ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया था कि उनकी बेटी के योगदान को मान्यता मिले.उन्होंने कहा कि जय शाह ने हमें व्यक्तिगत रूप से संदेश भेजा और बताया कि उन्होंने ICC से बात की है और हमें पदक मिल जाएगा.प्रतीका ने प्रधानमंत्री मोदी से मिलने से पहले ही पदक प्राप्त कर लिया.जय शाह ने स्वयं पहल की और प्रतीका को व्यक्तिगत रूप से सूचित किया.

लीग मैच के दौरान गरजा था प्रतीका का बल्ला

रावल की चोट नॉकआउट चरण से पहले भारत के लिए एक बड़ा झटका थी, क्योंकि वह ग्रुप चरण के दौरान शीर्ष क्रम में टीम की सबसे लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाली खिलाड़ियों में से एक थीं.सेमीफाइनल और फाइनल में न खेल पाने के बावजूद, युवा सलामी बल्लेबाज टूर्नामेंट के अंतिम चरण तक टीम के साथ बनी रहीं और मैदान के बाहर से अपनी साथियों का समर्थन करती रहीं, जब भारत ने अपना पहला महिला विश्व कप खिताब जीता.