Mirabai Chanu: विनेश फोगाट के बाद पेरिस ओलंपिक में शामिल मीराबाई चानू से करोड़ों भारतीयों को मेडल की उम्मीद थी, लेकिन फिलहाल इन उम्मीदों को झटका लगा है. मीराबाई चानू के हाथ से मेडल फिसल गया है. टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू इस बार चौथे स्थान पर रहीं. उन्होंने स्नैच में 88 KG और क्लीन एंड जर्क में 111 KG का वजन उठाया था. इस वेट के साथ मीराबाई चानू वेटलिफ्टिंग में चौथे पोजिशन पर रहीं.
वूमन वेटलिफ्टिंग में चौथे स्थान पर रहने वाली मीराबाई चानू ने बताया कि वे पीरियड्स यानी मेंसुरेशन से गुजर रही हैं और आज तीसरा दिन था. उन्होंने कहा कि इसका असर उनके खेल पर भी पड़ा. मीराबाई ने पहले प्रयास में 85 किलोग्गराम का वजन उठाया, लेकिन दूसरे प्रयास में वे 88 किलोग्राम का वजन नहीं उठा पाईं.
क्लीन एंड जर्क में मीराबाई पहली कोशिश में 111 किलोग्राम का वजन नहीं उठा पाईं, लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने ऐसा कर दिखाया. तीसरे प्रयास में उन्होंने 114 किलोग्राम का भार उठाया. इस दौरान वे क्लीन तो कर गईं, लेकिन जर्क तक नहीं पहुंच पाईं.
वूमन वेटलिफ्टिंग में पहले स्थान पर चीन की होउ झिहुई रहीं, जिन्होंने क्लीन एंड जर्क और स्नैच में कुल 206 किलोग्राम वजन उठाया. सिल्वर मेडल पर रोमानिया की वालेंटिना कैम्बेई ने कब्जा किया और उन्होंने कुल 206 किलोग्राम का वजन उठाया. वहीं, ब्रॉन्ज मेडल पर थाईलैंड की सुरोदचना खाम्बो ने कब्जा जमाया, जिन्होंने कुल 200 किलोग्राम का वजन उठाया.
मीराबाई चानू का आज जन्मदिन भी है. बर्थडे के मौके पर वे इतिहास रचने से चूक गईं. 49 किलोग्राम वेट कैटेगरी में उन्होंने स्नैच राउंड में दिल जीत लिया और तीसरे पोजिशन पर रहीं. लेकिन क्लीन एंड जर्क में उन्हें निराशा हाथ लगी.
हार के बाद उन्होंने कहा कि मैं अपने परफॉर्मेंस से ज्यादा निराश नहीं हूं, लेकिन मेडल जीतने में असफल होने के लिए अपने देश के लोगों से माफी मांगती हूं. बर्थडे गर्ल मीराबाई चानू के पास दो ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहली महिला वेटलिफ्टर बनने का चांस था, लेकिन वे इतिहास रचने से चूक गईं.