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India Daily

भारत-ब्लूचिस्तान के बीच ग्वादर में होगा क्रिकेट मैच! नए ऐलान ने मचाई सनसनी

ब्लूचिस्तान ने अपनी आजादी का ऐलान कर दिया है और इसके बाद अब उन्होंने भारत के साथ एक दोस्ताना क्रिकेट मैच खेलने की बात कही है. सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा हो रही है.

Gwadar Cricket Stadium
Courtesy: Social Media

बलूचिस्तान और भारत के बीच एक दोस्ताना क्रिकेट मैच की खबरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं. मीर यार बलोच ने 13 मई 2025 को अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की, जिसमें उन्होंने ग्वादर क्रिकेट स्टेडियम की तस्वीर के साथ दावा किया कि जल्द ही भारत और बलूचिस्तान की क्रिकेट टीमें दिल्ली या ग्वादर में एक दोस्ताना मैच खेलेंगी. 

मीर यार बलोच ने अपनी पोस्ट में ग्वादर क्रिकेट स्टेडियम की एक शानदार तस्वीर साझा की, जो बलूचिस्तान के खूबसूरत पहाड़ों से घिरा हुआ है. स्टेडियम की हरी-भरी पिच और चारों ओर फैली प्राकृतिक सुंदरता ने सभी का ध्यान खींचा है. इस स्टेडियम को 2020 में बनाया गया था और यह स्थानीय टूर्नामेंट्स की मेजबानी करता रहा है. पोस्ट में लिखा गया, "बलूचिस्तान इज नॉट पाकिस्तान, ग्वादर क्रिकेट स्टेडियम," जिसने क्षेत्र की स्वतंत्रता की मांग को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया.

भारत-बलूचिस्तान मैच को लेकर यूजर्स ने दी प्रतिक्रिया

मीर यार बलोच ने अपनी पोस्ट में लिखा, "जल्द ही बलूचिस्तान और भारत की क्रिकेट टीमें दिल्ली या ग्वादर में एक दोस्ताना मैच खेलेंगी. सभी लोग इस मैच का आनंद साथ में लेंगे. इस पोस्ट को हजारों लोगों ने देखा और इस पर कई सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आईं. कई भारतीय यूजर्स ने बलूचिस्तान के प्रति अपना समर्थन जताया और इस दोस्ती को मजबूत करने की बात कही. 

एक यूजर ने लिखा, "भारतीय लोग बलूचिस्तान का वैसे ही समर्थन करेंगे जैसे हम अफगानिस्तान का करते हैं. यह एक प्यारा रिश्ता है जो हमारे पड़ोस में उभर रहा है." वहीं, एक अन्य यूजर (@sarthakbhagat45) ने कहा, "भारत को बलूचिस्तान से उतना ही प्यार है जितना अफगानिस्तान से."

बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग

मीर यार बलोच की पोस्ट बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग को भी दर्शाती है. हाल ही में बलोच नेताओं ने बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग एक स्वतंत्र देश घोषित किया है और भारत से समर्थन की मांग की है. इस पोस्ट के साथ यह भी मांग की गई कि भारत दिल्ली में बलूचिस्तान का दूतावास खोले. बलूच नेताओं का कहना है कि वे लंबे समय से पाकिस्तान के शासन में उत्पीड़न और मानवाधिकारों के उल्लंघन का सामना कर रहे हैं.