ENG vs IND: इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर माइकल एथरटन ने हाल ही में भारत के खिलाफ खेली गई एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी टेस्ट सीरीज को लेकर एक हैरान करने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यह सीरीज 2005 की ऐतिहासिक एशेज सीरीज के मुकाबले उतनी उच्च गुणवत्ता वाली नहीं थी. 2005 की एशेज को टेस्ट क्रिकेट के इतिहास की सबसे रोमांचक और कांटे की टक्कर वाली सीरीज माना जाता है, जिसमें इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराया था.
एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी की शुरुआत में भारत के टेस्ट उप-कप्तान ऋषभ पंत ने शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने पहले टेस्ट में दोनों पारियों में शतक जड़े, लेकिन इसके बावजूद भारत को हार का सामना करना पड़ा. इंग्लैंड ने इस मैच में टेस्ट इतिहास का अपना दूसरा सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल कर जीत दर्ज की. हालांकि, भारत ने एजबेस्टन में शानदार वापसी की और इंग्लैंड को कड़ी टक्कर दी.
लॉर्ड्स टेस्ट में मैच का रोमांच चरम पर था. रविंद्र जडेजा की शानदार बल्लेबाजी ने भारत को जीत के करीब ला खड़ा किया लेकिन इंग्लैंड ने आखिरी मौके पर 22 रनों से जीत छीन ली. इस मैच में दोनों टीमों ने शानदार खेल दिखाया, जिसने दर्शकों का दिल जीत लिया. सीरीज में 2-1 से पीछे चल रही भारतीय टीम को उस समय बड़ा झटका लगा, जब ऋषभ पंत के पैर में चोट लग गई.
सीरीज का आखिरी टेस्ट द ओवल में खेला गया, जो निर्णायक मुकाबला था. भारत ने इस मैच में शानदार प्रदर्शन किया और इंग्लैंड की बल्लेबाजी को तहस-नहस कर दिया. भारतीय गेंदबाजों ने इंग्लैंड के छह विकेट महज 35 रनों पर चटका दिए, जिससे भारत ने यह मैच अपने नाम किया.
स्काई स्पोर्ट्स पर बात करते हुए माइकल एथरटन ने इस सीरीज की तुलना 2005 की एशेज से की. उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि इस सीरीज की क्वालिटी 2005 की एशेज जितनी थी. 2005 की एशेज में एक शानदार टीम अपने चरम पर थी, जबकि दूसरी उभर रही थी.
उस सीरीज में बेहतरीन खिलाड़ी अपने खेल के शीर्ष पर थे.” हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि 2005 के बाद यह सबसे रोमांचक सीरीज थी. उन्होंने ऋषभ पंत और इंग्लैंड के क्रिस वोक्स जैसे खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन की तारीफ की, जिन्होंने इस सीरीज को यादगार बनाया.