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India Daily

'BCCI और अजीत अगरकर ने टेस्ट से रोहित-विराट को बाहर किया...', पूर्व दिग्गज ने रिटायरमेंट को लेकर किया हैरान करने वाला खुलासा

Rohit Sharma-Virat Kohli: रोहित शर्मा और विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास लेकर हर किसी को हैरान कर दिया था. ऐसे में उनके रिटायरमेंट को लेकर पूर्व दिग्गज ने बड़ा खुलासा किया है.

Rohit Sharma Virat Kohli
Courtesy: Social Media

Rohit Sharma-Virat Kohli: भारतीय क्रिकेट में रिटायरमेंट का सिलसिला हमेशा से धीरे-धीरे चला है. सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गजों ने अपने समय पर क्रिकेट को अलविदा कहा. लेकिन हाल ही में भारतीय क्रिकेट के दो सबसे बड़े सितारे, विराट कोहली और रोहित शर्मा, अचानक टेस्ट क्रिकेट से रिटायर हो गए. अब पूर्व भारतीय क्रिकेटर कारसन घावरी ने इस मामले में एक हैरान करने वाला खुलासा किया है.

पिछले कुछ महीनों में भारतीय क्रिकेट में बड़ा उलटफेर देखने को मिला. सबसे पहले रोहित शर्मा ने अपने टेस्ट करियर को खत्म करने का ऐलान एक इंस्टाग्राम स्टोरी के जरिए किया. इसके दो दिन बाद खबर आई कि विराट कोहली ने भी बीसीसीआई को पत्र लिखकर टेस्ट क्रिकेट से रिटायर होने की इच्छा जताई. 48 घंटों के भीतर कोहली ने इसे आधिकारिक तौर पर इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए पक्का कर दिया. 

कारसन घावरी का सनसनीखेज दावा

पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज कारसन घावरी ने इस मामले में चौंकाने वाला खुलासा किया है. 1970 के दशक में कपिल देव के साथ गेंदबाजी करने वाले घावरी ने दावा किया कि रोहित और कोहली टेस्ट क्रिकेट खेलना जारी रखना चाहते थे लेकिन बीसीसीआई की 'आंतरिक राजनीति' और चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया.

घावरी ने 'विक्की लालवानी शो' में कहा, "विराट कोहली को कम से कम दो साल और टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहिए था. लेकिन उन्हें रिटायर होने के लिए मजबूर किया गया. दुख की बात है कि बीसीसीआई ने उन्हें सम्मानजनक विदाई भी नहीं दी. इतने बड़े खिलाड़ी, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट और प्रशंसकों के लिए इतना कुछ किया, उन्हें शानदार विदाई मिलनी चाहिए थी." 

BCCI ने की राजनीति: घावरी

बीसीसीआई की राजनीति पर सवालघावरी ने आगे कहा, "बीसीसीआई के अंदर की राजनीति समझना मुश्किल है. मुझे लगता है कि यही वजह है कि कोहली और रोहित को समय से पहले रिटायर होना पड़ा. उन्हें बाहर करने का फैसला लिया गया, जबकि वह खेलना चाहते थे. चयनकर्ताओं और बीसीसीआई की सोच कुछ और थी. यह छोटी-मोटी राजनीति का मामला है."