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India Daily

भारत को गोल्ड दिलाने वाले जैवलिन थ्रोअर को लगा झटका, करियर पर लग सकता है ब्रेक

हरियाणा के पानीपत के रहने वाले नवदीप सिंह ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में पुरुष जैवलिन थ्रो F41 इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया था.

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Edited By: Gyanendra Sharma
navdeep singh
Courtesy: Social Media

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत के लिए गौरव बढ़ाने वाले पैरा-एथलीट नवदीप सिंह और योगेश कथुनिया को झटका लगा है. अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (IPC) ने 3 जून 2025 को लॉस एंजेलिस 2028 पैरालंपिक के लिए इवेंट्स की सूची जारी की, जिसमें इन दोनों खिलाड़ियों के इवेंट्स पुरुष जैवलिन थ्रो F41 और डिस्कस थ्रो F56 को शामिल नहीं किया गया है.

हरियाणा के पानीपत के रहने वाले नवदीप सिंह ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में पुरुष जैवलिन थ्रो F41 इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया था. उनकी इस उपलब्धि ने भारत को गर्व का क्षण दिया, खासकर तब जब उनका रजत पदक, ईरान के सादेघ बेत सयाह के अयोग्य ठहराए जाने के बाद, स्वर्ण में अपग्रेड किया गया. नवदीप ने अपनी जीत के बाद खुलासा किया था कि उनकी कम हाइट के कारण लोग उनका मजाक उड़ाते थे और एक समय उन्होंने आत्महत्या तक का विचार किया था. लेकिन उनकी मेहनत और जज्बे ने उन्हें वैश्विक मंच पर चमकदार सितारा बना दिया.

इसी तरह योगेश कथुनिया ने पुरुष डिस्कस थ्रो F56 इवेंट में रजत पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. योगेश ने भी अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया था और उनकी यह उपलब्धि भारतीय पैरा-एथलेटिक्स के लिए एक और मील का पत्थर थी. पेरिस पैरालंपिक में भारत ने कुल 29 पदक जीते, जिसमें 7 स्वर्ण, 9 रजत और 13 कांस्य शामिल थे और नवदीप और योगेश का योगदान इस ऐतिहासिक प्रदर्शन का महत्वपूर्ण हिस्सा था.

लॉस एंजेलिस 2028: इवेंट्स हटाए जाने का सदमा

लॉस एंजेलिस 2028 पैरालंपिक के लिए अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति ने 560 मेडल इवेंट्स की सूची जारी की है, जिसमें 23 खेल शामिल हैं. हालांकि, इस सूची से जैवलिन थ्रो F41 और डिस्कस थ्रो F56 जैसे इवेंट्स को हटा दिया गया है. इस फैसले ने नवदीप सिंह और योगेश कथुनिया जैसे खिलाड़ियों के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि ये इवेंट उनके करियर का आधार थे.

नवदीप सिंह ने इस फैसले पर निराशा जताते हुए कहा कि यह बहुत ही निराशाजनक है. इस समय मेरा ध्यान वर्ल्ड चैंपियनशिप पर है और मैं इसके बारे में बाद में सोचूंगा. वहीं, योगेश कथुनिया ने हैरानी जताई और कहा, "मुझे सचमुच नहीं पता कि ऐसा क्यों हुआ." दोनों खिलाड़ियों की प्रतिक्रियाएं दर्शाती हैं कि यह निर्णय उनके लिए अप्रत्याशित और दुखदायी है.