टीम इंडिया से लगातार बाहर चल रहे ईशान किशन ने तोड़ी चुप्पी, SMAT जीतने के बाद सेलेक्टर्स को दिया करारा जवाब!
टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन लंबे समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं. ऐसे में अब सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीतने के बाद उन्होंने इसको लेकर चुप्पी तोड़ी है.
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर-बल्लेबाज ईशान किशन लंबे समय से राष्ट्रीय टीम से बाहर हैं. 2023 के बाद से वे टीम इंडिया का हिस्सा नहीं बने हैं. हालांकि, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT) 2025 में उन्होंने धमाकेदार प्रदर्शन करके सभी को चौंका दिया.
झारखंड की कप्तानी करते हुए ईशान ने टीम को पहली बार यह खिताब जिताया और खुद सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने. फाइनल में हरियाणा के खिलाफ शानदार शतक जड़कर उन्होंने सेलेक्टर्स को अपना मजबूत दावा पेश किया.
फाइनल में ईशान का विस्फोटक शतक
18 दिसंबर 2025 को पुणे के एमसीए स्टेडियम में खेले गए SMAT फाइनल में झारखंड ने हरियाणा को 69 रनों से हरा दिया. पहले बल्लेबाजी करते हुए झारखंड ने 20 ओवर में 262 रन बनाए, जो किसी टी20 टूर्नामेंट फाइनल का सबसे बड़ा स्कोर है.
ईशान किशन ने सिर्फ 49 गेंदों पर 101 रन ठोके, जिसमें 10 छक्के और 6 चौके शामिल थे. कुमार कुशाग्र ने भी 38 गेंदों पर 81 रनों की तेज पारी खेली. हरियाणा की टीम 193 रनों पर ऑलआउट हो गई. इस जीत के साथ झारखंड ने पहली बार SMAT ट्रॉफी अपने नाम की.
टीम इंडिया से बाहर रहने पर तोड़ी चुप्पी
ट्रॉफी जीतने के बाद ईशान किशन ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ी. उन्होंने बताया कि टीम इंडिया से बाहर होने पर उन्हें काफी बुरा लगा था. 2023 में अनुशासनात्मक कारणों से तत्कालीन कोच राहुल द्रविड़ और चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने उन्हें टीम से बाहर किया था.
ईशान किशन का बयान
ईशान ने कहा, 'जब मैं अच्छा प्रदर्शन कर रहा था तब भी टीम में नहीं चुना गया, तो मुझे बहुत बुरा लगा. मैंने खुद से कहा कि अगर ऐसे परफॉर्मेंस के बाद भी नहीं चुने जा रहे, तो शायद और ज्यादा मेहनत करनी होगी. टीम को जिताना होगा और सब साथ मिलकर अच्छा खेलना होगा.'
उन्होंने युवा खिलाड़ियों को संदेश दिया, 'निराशा आपको पीछे धकेल सकती है. इसलिए फ्रस्ट्रेशन को खुद पर हावी न होने दें. कड़ी मेहनत करें, खुद पर भरोसा रखें और अपने लक्ष्य पर फोकस करें.'
ईशान का सेलेक्शन को लेकर जवाब
ईशान ने आगे कहा कि अब वे टीम में चयन की उम्मीद नहीं रखते. 'कई बार नाम देखकर बुरा लगता है जब नहीं चुने जाते. लेकिन अब मैं उस जोन में नहीं हूं. कोई उम्मीद नहीं रखता. मेरा काम सिर्फ हर मैच में अच्छा प्रदर्शन करना है.'