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India Daily

भारतीय अंडर-17 फुटबॉल टीम ने SAFF चैंपियनशिप में फिर लहराया परचम, बांग्लादेश को हराकर सातवीं बार जीता खिताब

श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में आयोजित साउथ एशियन फुटबॉल फेडरेशन (SAFF) अंडर-17 चैंपियनशिप में भारतीय जूनियर फुटबॉल टीम ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. शनिवार, 27 सितंबर 2025 को खेले गए फाइनल में भारतीय अंडर-17 टीम ने बांग्लादेश को रोमांचक पेनल्टी शूटआउट में 4-1 से हराकर खिताब पर कब्जा जमाया.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Indian Under-17 football
Courtesy: Social Media

India vs bangladesh football final: भारत की सीनियर फुटबॉल टीम भले ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाने के लिए जूझ रही हो, लेकिन जूनियर टीमें देश का नाम रोशन करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में आयोजित साउथ एशियन फुटबॉल फेडरेशन (SAFF) अंडर-17 चैंपियनशिप में भारतीय जूनियर फुटबॉल टीम ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. शनिवार, 27 सितंबर 2025 को खेले गए फाइनल में भारतीय अंडर-17 टीम ने बांग्लादेश को रोमांचक पेनल्टी शूटआउट में 4-1 से हराकर खिताब पर कब्जा जमाया. यह भारत का इस टूर्नामेंट में लगातार चौथा और कुल सातवां खिताब है, जो युवा खिलाड़ियों की मेहनत और दमखम का सबूत है.

SAFF अंडर-17 चैंपियनशिप में भारतीय टीम ने शुरू से ही अपना दबदबा कायम रखा. ग्रुप स्टेज में भारत ने अपने सभी तीनों मुकाबलों में शानदार जीत हासिल की और ग्रुप में शीर्ष स्थान प्राप्त किया. दूसरी ओर, बांग्लादेश की टीम भी कम नहीं थी. उसने भी अपने ग्रुप में सभी मैच जीतकर ग्रुप ए में पहला स्थान हासिल किया था. सेमीफाइनल में भारतीय टीम ने नेपाल को 3-0 से करारी शिकस्त दी, जबकि बांग्लादेश ने पाकिस्तान को 2-0 से मात देकर फाइनल में अपनी जगह पक्की की. दोनों टीमों का शानदार प्रदर्शन फाइनल में एक रोमांचक टक्कर की उम्मीद जगा रहा था, और यही हुआ.

फाइनल में रोमांचक जंग

कोलंबो के मैदान पर खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत और बांग्लादेश की टीमें एक-दूसरे के सामने थीं. दोनों टीमें शुरू से ही आक्रामक अंदाज में खेलीं और गोल करने के कई मौके बनाए. निर्धारित समय तक दोनों टीमें गोल करने में नाकाम रहीं, जिसके बाद मुकाबला पेनल्टी शूटआउट में पहुंचा. 

 भारत ने पेनल्टी शूटआउट में 4-1 से जीत हासिल की और खिताब अपने नाम किया. भारतीय गोलकीपर और डिफेंडरों की सूझबूझ ने बांग्लादेश के हमलों को नाकाम करने में अहम भूमिका निभाई.