menu-icon
India Daily

Juan Escarré with Soumya: कभी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भूखे-प्यासी भटकी, अब स्पेन में हॉकी सीख रही सौम्या, ये दिग्गज बना 'फरिश्ता'

Escarré  Juan with Soumya: स्पैनिश हॉकी के दिग्गज जुआन एस्केरे ने दिल्ली के अनाथालय से सौम्या को गोद लिया था और उसकी जिदंगी बदल दी. वे अपनी इस बेटी को अब हॉकी के गुर सिखा रहे हैं.

auth-image
Edited By: Bhoopendra Rai
Escarré Juan with Soumya

Escarré Juan with Soumya: सौम्या... ना जाने आज ये बच्ची कहां होती, कहां भटक रही होती, उसे अपनों का प्यार मिल भी पाता या नहीं, क्योंकि इस मासूम को बचपन में ही अपनों ने छोड़ दिया था, दो वक्त की रोटी के लिए 4 साल की सौम्या दर-दर भटक रही थी. रोते-बिलखते कभी गलियों में दिखती तो कभी दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर नजर आती, लेकिन आज वह स्पेन में हॉकी के गुर सीख रही है, उसकी जिंदगी बदलने वाले शख्स का नाम जुआन एस्केरे है. ये वही शख्स हैं, जिन्होंने सौम्या के पंखों को उड़ान दी है.

स्पैनिश हॉकी के दिग्गज जुआन एस्केरे सौम्या के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं, उन्होंने सौम्या का नई जिंदगी दी है. चलिए जान लेते हैं कि आखिर कैसे क्यों जुआन एस्केरे ने सौम्या को अपनी बेटी बनाया और कैसे उसकी जिंदगी बदल दी.

पहले से बेटी थी फिर सौम्या को क्यों लिया गोद?

दरअसल, स्पेन के दिग्गज हॉकी प्लेयर एस्केरे और उनकी पत्नी ग्रेसिया के यहां एक बेटी है, जिसका नाम मार्टिना है. मार्टिना के जन्म के बाद दोनों के मन में एक बच्चे को गोद लेने का विचार आया था. क्योंकि वो किसी की मदद करके अपना परिवार बड़ा करना चाहते थे. स्पेन में गोद लेने के लिए सबसे पहले उस देश को चुनना पड़ता है, जहां से बच्चे को गोद लेना आसान था. इसके लिए सबसे पहला नाम उनके मन में भारत आया था.

सबसे पहला नाम भारत का आया

जुआन एस्केरे बताते हैं कि हमें भारत को चुनने में 2 सेकंड लगे, क्योंकि मैं भारत में हॉकी खेल चुका था. इसलिए बहुत सारे दोस्त भी बन गए थे. मैं भारत की हॉकी टीम और पाकिस्तान की खेल शैली का पूर्ण प्रशंसक रहा हूं. मुझे लगता है कि भारत का मेरे खेल और मेरे जीवन पर बड़ा प्रभाव रहा है. जब मैं अपनी पत्नी के साथ यहां आया तो हमें इस देश से प्यार हो गया.

2 साल की तलाश के बाद मिली थी सौम्या 

बच्चे को गोद लेने की प्रोसेस आसान नहीं थी. 2 साल तक उन्होंने कई एजेंसियों से संपर्क किया, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला. जब उन्होंने उम्मीद छोड़ दी थी तभी उन्हें दिल्ली से एक फोन आया.

जब पहली बार मुस्कुराई थी सौम्या

दिल्ली से फोन आते ही एस्केरे ने अपनी पत्नी और मार्टिना के साथ दिल्ली के लिए उड़ान भरी. यहां वो एक अनाथालय पहुंचे और सौम्या को देखा. उस वक्त सौम्या 6 साल की थी. एस्केरे कहते हैं कि अनाथालय के लोगों ने बताया कि सौम्या दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मिली थी, उस वक्त उसकी उम्र महज 2 साल थी. इसके बाद इस परिवार ने सौम्या को गोद लिया और दिल्ली की होटल में एक दिन बताया, यहां पहली बार सौम्या मुस्कुराई थी. इसके बाद वे उसे अपने साथ स्पेन ले गए.

कैसे स्पेन में एडजस्ट हुई सौम्या?

एस्केरे बताते हैं कि सौम्या अभी छोटी है. वो अपने अतीत के बारे में बात नहीं करना चाहती, लेकिन जब बो बड़ी होगी तो जरूर जानना चाहेगी, लेकिन अभी उसे इसकी चिंता नहीं है, क्योंकि वो हमारे परिवार में भावनात्मक रूप से जुड़ चुकी है. एस्केरे ने ये भी बताया कि नए देश में लाइफ शुरू करना सौम्या के लिए मुश्किल था, लेकिन इसमें उसकी बड़ी बहन मार्टिना ने अहम भूमिका अदा की. क्योंकि दोनों की उम्र लगभग एक थी. अब वे हर दिन बहनों की तरह खेलती और रहती हैं. 

बेटी को खास गिफ्ट लेकर जाएंगे  एस्केरे

एस्केरे मुस्कुराते हुए कहते हैं कि 'मैं चिंतित हूं क्योंकि मेरी बेटी स्पेन (हॉकी) टी-शर्ट नहीं चाहती है. इसलिए जब वापस स्पेन लौटूंगा तो उसे एक भारतीय हॉकी जर्सी ले जाऊंगा, जो कोच क्रेग फुल्टन द्वारा दी गई है. इस पर खिलाड़ियों के साइन भी हैं. इसके लिए मैं कोच और भारतीय खिलाड़ियों को धन्यवाद देना चाहता हूं, क्योंकि यह मेरी बेटी के लिए खास उपहार है. 

यह मेरी बेटी का घर है- जुआन एस्केरे

इन दिनों ओडिशा में हॉकी प्रो लीग 2024 का आयोजन चल रहा है. जिसमें स्पेन की टीम भी शिरकत कर रही है. जुआन एस्केरे स्पेनिश पुरुष हॉकी टीम के सहायक कोच के रूप में भारतीय दौरे पर हैं. वे भारत को अपनी बेटी का घर बताते हैं. वो कहते हैं कि भारत की यात्रा उनके लिए खास है. क्योंकि यह उनकी 12 साल की बेटी सौम्या का घर है, जिसे उन्होंने कुछ साल पहले गोद लिया थ.

जुआन एस्केरे का करियर

जुआन एस्केरे स्पेन के दिग्गज हॉकी प्लेयर हैं. उन्होंने करियर में 67 मैच खेले. 27 में जीत मिली और 13 हारे. इस दौरान उन्होंने 22 गोल किए. इस दिग्गज ने 1994 की मेंस चैंपियन ट्रॉफी से लेकर ओलंपिक गेम्स, 2002 मेंस वर्ल्ड कप और 2004 के मेंस ओलंपिक गेम्स में स्पेन के लिए खेला है.