menu-icon
India Daily

ध्रुव जुरेल को साउथ अफ्रीका के खिलाफ मिलेगा मौका! क्या नंबर 3 पर करेंगे बल्लेबाजी

टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल इन दिनों रेड हॉट फॉर्म में चल रहे हैं. ऐसे में उन्हें ऋषभ पंत के साथ साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मौका दिया जा सकता है.

Dhruv Jurel
Courtesy: @ImTanujSingh (X)

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम की नजरें अब साउथ अफ्रीका के खिलाफ होने वाली दो टेस्ट मैचों की सीरीज पर हैं. इस सीरीज में विकेटकीपर ऋषभ पंत की वापसी हो रही है लेकिन ध्रुव जुरेल की शानदार फॉर्म को नजरअंदाज करना मुश्किल है. 

टीम मैनेजमेंट जुरेल को बतौर बल्लेबाज शामिल करने की योजना बना रहा है. हालांकि, अब सवाल यह है कि जुरेल को किस नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतारा जाएगा. उनकी जगह किस खिलाड़ी को ड्रॉप किया जाएगा?

ध्रुव जुरेल की धमाकेदार फॉर्म

ध्रुव जुरेल ने घरेलू सीजन की शुरुआत से ही कमाल का प्रदर्शन किया है. उनके हाल के स्कोर 140, 1 और 56, 125, 44 और 6, 132 और 127 नॉट आउट रहे हैं. पिछली 8 फर्स्ट क्लास पारियों में तीन शतक, एक अर्धशतक और एक 40 से ज्यादा की पारी. इनमें एक टेस्ट शतक भी शामिल है. 

इतनी शानदार फॉर्म में कोई खिलाड़ी कैसे अनदेखा हो सकता है? जुरेल ने पिछले तीन टेस्ट मैचों में विकेटकीपिंग की थी, जब पंत चोट से उबर रहे थे. अब पंत की वापसी से चयन थोड़ा पेचीदा हो गया है लेकिन जुरेल की बल्लेबाजी को मौका मिलना तय माना जा रहा है.

टीम में जगह कैसे बनेगी?

बीसीसीआई के एक सूत्र ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए बताया कि जुरेल को स्पेशलिस्ट बल्लेबाज के तौर पर खिलाया जाएगा. टीम में दो जगहें संभव हैं. पहली नंबर 3 पर, जहां साई सुदर्शन हैं. सुदर्शन ने पिछले टेस्ट में अर्धशतक जड़ा है और टीम एक स्थिर नंबर 3 चाहती है. 

इसके अलावा दूसरी जगह नीतीश कुमार रेड्डी की है. भारतीय पिचों पर गेंदबाजी की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती इसलिए जुरेल को रेड्डी से आगे रखा जा सकता है. पिछले मैचों में रेड्डी को ज्यादा गेंदबाजी नहीं मिली. अहमदाबाद में सिर्फ चार ओवर और दिल्ली में कोई मौका नहीं मिला.

नंबर 3 पर संभावना?

नंबर 3 की जगह सबसे चर्चित है. सुदर्शन वहां खेल चुके हैं और टीम उन्हें स्थिर करना चाहती है. हालांकि, जुरेल की फॉर्म इतनी अच्छी है कि उन्हें मध्यक्रम में फिट किया जा सकता है. साउथ अफ्रीका की पिचें तेज गेंदबाजों के लिए मददगार होती हैं लेकिन भारतीय टीम घरेलू सीजन की तरह ही रणनीति अपनाएगी.