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India Daily

मिथाली राज, झूलन गोस्वामी को क्यों सौंपी विश्व कप की ट्रॉफी? हरमनप्रीत कौर के जवाब ने जीता फैंस का दिल

भारत ने 2 नवंबर को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में साउथ अफ्रीका को 52 रनों से हराकर अपना पहला महिला वर्ल्ड कप जीत इतिहास रच दिया. जीत के बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर ने ट्रॉफी पूर्व कप्तानों मिताली राज, झूलन गोस्वामी और अंजुम चोपड़ा को समर्पित की.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Harmanpreet Kaur
Courtesy: @erbmjha

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास का सबसे सुनहरा पल 2 नवंबर को रचा, जब हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका को मात देकर पहला वनडे वर्ल्ड कप अपने नाम किया. डीवाई पाटिल स्टेडियम में जीत के बाद पूरी टीम ने भावनात्मक पल साझा किया, जब हरमनप्रीत ने वर्ल्ड कप ट्रॉफी को मिताली राज, झूलन गोस्वामी और अंजुम चोपड़ा को समर्पित किया. यह gesture उन दिग्गजों के वर्षों के योगदान को सलाम करने का प्रतीक बना.

मिताली और झूलन को दी गई ट्रॉफी

फाइनल मुकाबले में जीत के बाद हरमनप्रीत कौर और उनकी टीम ने ट्रॉफी को मिताली राज, झूलन गोस्वामी और अंजुम चोपड़ा को सौंपा. यह पल न केवल भावनात्मक था बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के लंबे संघर्ष की कहानी भी कह गया. तीनों दिग्गज खिलाड़ी 2005 और 2017 के वर्ल्ड कप में टीम इंडिया को जीत के करीब लेकर आई थीं, लेकिन खिताब हासिल नहीं कर सकी थीं.

हरमनप्रीत ने बताई दिल छू लेने वाली वजह

आईसीसी रिव्यू से बातचीत में हरमनप्रीत ने कहा कि 2022 वर्ल्ड कप हारने के बाद पूरा दल उदास था क्योंकि वह मिताली दी और झूलन दी का आखिरी टूर्नामेंट था. उन्होंने बताया कि तभी उन्होंने और स्मृति मंधाना ने ठान लिया था कि जब भी भारत अगला वर्ल्ड कप जीतेगा, तो ट्रॉफी उन्हीं के हाथों में सौंपी जाएगी.

पुराने सितारे भी रहे शामिल

हरमनप्रीत ने बताया कि इस जीत में सिर्फ मिताली और झूलन ही नहीं, बल्कि दिग्गज डायना एडुल्जी, शुभांगी कुलकर्णी और सुधा शाह जैसी वरिष्ठ खिलाड़ियों का भी योगदान रहा. “हमने जब इस जीत का सपना देखा, वे सब उसमें हमारे साथ थीं,” हरमनप्रीत ने कहा. उनका मानना है कि महिला क्रिकेट की यह सफलता पूरी पीढ़ी की सामूहिक मेहनत का नतीजा है.

शानदार प्रदर्शन से भारत ने रचा इतिहास

फाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए ठोस स्कोर बनाया और फिर गेंदबाजी में भी शानदार प्रदर्शन किया. दीप्ति शर्मा ने पांच विकेट झटके, जबकि शैफाली वर्मा ने 87 रन की पारी के साथ दो विकेट लेकर ऑलराउंड प्रदर्शन किया. भारत ने साउथ अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहला वनडे वर्ल्ड कप जीत लिया, और हरमनप्रीत कौर कपिल देव व एमएस धोनी के बाद तीसरी भारतीय कप्तान बनीं जिन्होंने यह गौरव हासिल किया.