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'पाकिस्तान के लोग प्रार्थना करने लगे हैं', फाइनल से पहले डर का माहौल

मिस्बाह ने पीटीवी स्पोर्ट्स ऑफिशियल पर कहा कि लोग थोड़ी-बहुत दुआएं करने लगे हैं. क्रिकेट ही वो चीज है जो इस देश को एक सूत्र में बांधती है. खासकर जब पाकिस्तान और भारत के बीच कोई मैच होता है, तो मुझे नहीं लगता कि देश में कोई भी ऐसा व्यक्ति होगा जो यह न सोचे कि पाकिस्तान को अच्छा प्रदर्शन नहीं करना चाहिए. वे सभी चाहते हैं कि पाकिस्तान अच्छा प्रदर्शन करे और यह मैच जीते.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Team india
Courtesy: Social Media

Asia Cup:  एशिया कप का फाइनल में भारत और पाकिस्तान के बीच दुबई में खेला जाएगा.  मैच के पहले पाकिस्तान में डर का माहौल है. टूर्नामेंट में भारत से दो मैच हार चुका है. मिस्बाह उल हक ने रविवार को भारत के खिलाफ होने वाले एशिया कप फाइनल से पहले पाकिस्तान के सामान्य माहौल के बारे में बात की है.

मिस्बाह ने पीटीवी स्पोर्ट्स ऑफिशियल पर कहा कि लोग थोड़ी-बहुत दुआएं करने लगे हैं. क्रिकेट ही वो चीज़ है जो इस देश को एक सूत्र में बांधती है. खासकर जब पाकिस्तान और भारत के बीच कोई मैच होता है, तो मुझे नहीं लगता कि देश में कोई भी ऐसा व्यक्ति होगा जो यह न सोचे कि पाकिस्तान को अच्छा प्रदर्शन नहीं करना चाहिए. वे सभी चाहते हैं कि पाकिस्तान अच्छा प्रदर्शन करे और यह मैच जीते.

तो आप एशिया कप के चैंपियन बन जाएंगे

मिस्बाह ने कहा कि जैसा कि शोएब मलिक ने कहा है, पाकिस्तान के पास खोने के लिए कुछ नहीं है. भारत प्रबल दावेदार है, सभी जानते हैं कि उनकी टीम बहुत अच्छी है. अब यह एक दिन एक मैच की बात है. अगर कोई खिलाड़ी एक अच्छा खेल, एक बड़ा स्कोर, एक अच्छा स्पेल खेल सके, तो आप एशिया कप के चैंपियन बन जाएंगे. सभी को उम्मीद है कि हमारा दिन शानदार हो और भारत का एक बुरा दिन. लंबे समय से इससे बड़ा मैच नहीं देखा गया है.

सेट का करना होगा टारगेट

मिस्बाह ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को अपनी बल्लेबाजी की योजना बनानी चाहिए. जब ​​मेजबान ने पूछा कि क्या उन्हें एक अच्छा लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और उसे हासिल करने का प्रयास करना चाहिए तो मिस्बाह इससे सहमत नहीं थे. टूर्नामेंट में अब तक खेली गई डॉट गेंदों की संख्या का जिक्र करते हुए, जो अक्सर विरोधाभासी रूप से बड़े हिट लगाने के प्रयासों से टकराती रही हैं, उन्होंने कहा कि एक उचित योजना की जरूरत है. मुझे नहीं लगता कि यह सही है. जब आप पहले से लक्ष्य तय कर लेते हैं, तो यह सही तरीका नहीं है. आप एक रणनीति बनाते हैं, पिच का अच्छी तरह से आकलन करते हैं - गेंद बल्ले पर आ रही है या नहीं. फिर तय करते हैं कि शुरुआत कैसी होगी. बेशक आप टी20 में 180 से ज़्यादा के बारे में सोचते हैं, लेकिन आप उन रनों को पारी के अलग-अलग हिस्सों में बांटते हैं.

मिस्बाह का मानना ​​है कि पाकिस्तानी टीम अपने लक्ष्यों का ठीक से पुनर्मूल्यांकन नहीं कर रही है. फिर आप अगले चार ओवरों की योजना बनाते हैं और फिर उनका पुनर्मूल्यांकन करते हैं. फिर आप अगले चार ओवरों के बारे में सोचते हैं. शुरुआत में आप सकारात्मक सोच रखते हैं, लेकिन तीन ओवरों में आपको पिच का अंदाज़ा हो जाता है और आपको पता चल जाता है कि क्या करना है, अगले तीन ओवरों का कैसे फ़ायदा उठाना है. मुझे लगता है कि पाकिस्तानी टीम यहां इस तरह का पुनर्मूल्यांकन नहीं कर रही है."