IND vs ENG: 1983 विश्व कप विजेता भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज खिलाड़ी दिलीप वेंगसरकर ने स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के कार्यभार प्रबंधन की नीति की कड़ी निंदा की है. इंग्लैंड के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज में बुमराह के केवल तीन टेस्ट मैच खेलने की पहले से तय योजना पर वेंगसरकर ने सवाल उठाए हैं. यह निर्णय मुख्य कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल ने लिया था. 31 साल के बुमराह पहले ही एजबेस्टन टेस्ट से बाहर हो चुके हैं, जहां भारत ने शानदार जीत दर्ज की थी. अब माना जा रहा है कि वे मैनचेस्टर टेस्ट से भी बाहर रह सकते हैं. हालांकि, भारत सीरीज में 1-2 से पीछे है, जिसके चलते टीम प्रबंधन अंतिम समय में योजना बदलकर उन्हें पांचवें टेस्ट में आराम दे सकता है.
"खिलाड़ियों को मैच चुनने की अनुमति नहीं होनी चाहिए" वेंगसरकर ने बुमराह को चुनिंदा टेस्ट खेलने की अनुमति देने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने रेवस्पोर्ट्ज़ को दिए साक्षात्कार में कहा, "भारत के लिए खेलना महत्वपूर्ण है और अगर आप अनफिट हैं, तो बिल्कुल भी न खेलें. पहले टेस्ट मैच के बाद उन्हें लगभग 7-8 दिनों का अंतराल मिला था, लेकिन फिर भी उन्हें दूसरे टेस्ट के लिए शामिल नहीं किया गया, जो स्वीकार्य नहीं था. शायद अगरकर और गंभीर के लिए यह स्वीकार्य था." उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर कोई खिलाड़ी फिट और उपलब्ध है, तो उसे सभी मैच खेलने चाहिए. वेंगसरकर ने खिलाड़ियों को अपनी पसंद के आधार पर मैच चुनने की नीति को अनुचित ठहराया.
बुमराह का प्रभाव और सीरीज की स्थिति
जसप्रीत बुमराह ने इस सीरीज में अपनी गेंदबाजी से गहरा प्रभाव छोड़ा है. उन्होंने खेले गए दोनों टेस्ट में पांच-पांच विकेट लिए, जिससे इंग्लैंड की आक्रामक बल्लेबाजी लाइनअप में खलबली मच गई. फिर भी, भारत इन दोनों मैचों में जीत हासिल नहीं कर सका और सीरीज में पिछड़ रहा है. बुमराह की मौजूदगी मैदान पर विपक्षी टीम के लिए चुनौती बनती है, लेकिन उनकी अनुपस्थिति ने भारतीय टीम के प्रदर्शन पर सवाल खड़े किए हैं."
पसंद के आधार पर मैच चुनना अस्वीकार्य
वेंगसरकर ने अपनी बात को और मजबूती से रखते हुए कहा, "मैं गेंदबाजों द्वारा टेस्ट मैचों को चुनने के पक्ष में नहीं हूं. अगर आप फिट और उपलब्ध हैं, तो आपको अपने देश के लिए सभी मैच खेलने चाहिए. बुमराह एक विश्वस्तरीय गेंदबाज हैं और वह भारत के लिए मैच जीत सकते हैं. लेकिन एक बार जब आप दौरे पर होते हैं, तो आपको हर मैच खेलना होता है. व्यक्तिगत पसंद के आधार पर मैच चुनने का कोई सवाल ही नहीं उठता." उनका मानना है कि बुमराह जैसे खिलाड़ी को हर मैच में खेलकर देश के लिए योगदान देना चाहिए.