menu-icon
India Daily

फ्रीस्टाइल शतरंज ग्रैंड स्लैम में गुकेश की तीन ड्रॉ और एक हार से शुरुआत, मैग्नस कार्लसन का नए फॉर्मेट में दिखा दमखम

विश्व चैंपियन डी गुकेश ने फ्रीस्टाइल शतरंज ग्रैंड स्लैम दौरे में अपने अभियान की शुरुआत तीन ड्रॉ और एक हार के साथ की, जिससे संकेत मिलता है कि वह धीरे-धीरे नए प्रारूप के साथ तालमेल बिठा रहे हैं.

auth-image
Edited By: Garima Singh
Gukeshs start with three draws
Courtesy: x

विश्व चैंपियन डी गुकेश ने फ्रीस्टाइल शतरंज ग्रैंड स्लैम दौरे में अपने अभियान की शुरुआत तीन ड्रॉ और एक हार के साथ की, जिससे संकेत मिलता है कि वह धीरे-धीरे नए प्रारूप के साथ तालमेल बिठा रहे हैं.

विश्व के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन और जर्मनी के व्यवसायी जान हेनरिक ब्यूटनर के दिमाग की उपज फ्रीस्टाइल शतरंज प्रतियोगिता दुनिया की शीर्ष शतरंज संस्था फिडे के साथ टकराव के बावजूद पेशेवर शतरंज खिलाड़ियों के लिए एक स्थायी टूर्नामेंट हो सकता है. यह नया फॉर्मेट शतरंज के पारंपरिक नियमों से अलग है और इसमें खिलाड़ियों को अधिक रचनात्मक और आक्रामक खेलने की आजादी मिलती है.

गुकेश का संघर्ष

अब तक के सबसे युवा विश्व चैंपियन गुकेश ने उज्बेकिस्तान के नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव के साथ ड्रॉ लेकर इस प्रारूप में शुरूआत की और दूसरी बाजी में फ्रांस के अलीरेजा फिरौजा से हार गए. तीसरे और चौथे दौर में भारतीय दिग्गज ने अमेरिका के लेवोन अरोनियन और उज्बेकिस्तान के जावोखिर सिंडारोव के साथ ड्रॉ खेला.

आगे की राह

ग्रुप चरण में अभी पांच दौर बाकी हैं और अगले चरण में जाने के लिए गुकेश को दस प्रतिभागियों में से शीर्ष आठ में जगह बनाने की जरूरत है. गुकेश जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी के लिए यह मुश्किल नहीं होना चाहिए, लेकिन उन्हें अपने खेल में सुधार करना होगा और नए फॉर्मेट के साथ तेजी से तालमेल बिठाना होगा.

फ्रीस्टाइल शतरंज का भविष्य

फ्रीस्टाइल शतरंज को लेकर अभी भी कई सवाल हैं, लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि यह शतरंज की दुनिया में एक नया रोमांच लेकर आया है. मैग्नस कार्लसन जैसे दिग्गज खिलाड़ी इस फॉर्मेट को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे इसके लोकप्रिय होने की उम्मीद है. अगर फिडे और फ्रीस्टाइल शतरंज के आयोजकों के बीच का टकराव खत्म हो जाता है, तो यह टूर्नामेंट निश्चित रूप से पेशेवर शतरंज खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बन सकता है.