विराट ने नहीं किया मुशीर खान का अपमान, पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने कोहली के पानी पिलाने वाले इशारे पर किया डिफेंड
Virat Kohli-Musheer Khan: विराट कोहली ने पंजाब के मुशीर खान को पानी पिलाने वाले का इशारा किया था. ऐसे में उन्हें इसके लिए आलचनाों का सामना करना पड़ रहा है. इस मामले में पूर्व तेज गेंदबाज अतुल वासन का कहना है कि कोहली ने इसमें कुछ भी गलत नहीं किया है.

Virat Kohli-Musheer Khan: आईपीएल 2025 के क्वालिफायर 1 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने पंजाब किंग्स (PBKS) को 8 विकेट से हराकर फाइनल में जगह बनाई. इस एकतरफा मुकाबले में राजत पाटीदार और उनकी टीम ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन मैच के दौरान एक विवाद ने सुर्खियां बटोरीं.
RCB के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने पंजाब के डेब्यू खिलाड़ी मुशीर खान को कथित तौर पर स्लेज करते हुए कहा, "ये पानी पिलाता है." इस टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया. जहां कुछ फैंस ने कोहली पर युवा खिलाड़ी का अपमान करने का आरोप लगाया, वहीं पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज अतुल वासन ने कोहली का बचाव किया.
विराट कोहली और मुशीर खान का विवाद
पंजाब किंग्स की बल्लेबाजी क्वालिफायर 1 में पूरी तरह बिखर गई थी. इस दौरान डेब्यू कर रहे मुशीर खान को इम्पैक्ट सब्सिट्यूट के तौर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया. मुशीर कुछ ओवर पहले अपनी टीम के लिए पानी लेकर मैदान पर आए थे. जब वह बल्लेबाजी के लिए उतरे, तो फर्स्ट स्लिप पर खड़े विराट कोहली ने मजाक में कहा, "ये पानी पिलाता है."
अतुल वासन ने किया कोहली का बचाव
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज अतुल वासन ने ओटीटी के शो 'बेल्स एंड बैंटर' में कोहली का बचाव करते हुए कहा कि यह स्लेजिंग खेल का हिस्सा है. उन्होंने कहा, "अगर आप स्लेजिंग का सामना नहीं कर सकते, तो खेल में उतरें ही मत. अगर कोई खिलाड़ी नियमों के दायरे में स्लेजिंग करता है, तो इसमें कोई बुराई नहीं. स्लेजिंग में व्यंग्य, चतुराई और थोड़ा तंज शामिल होता है."
वासन ने यह भी कहा कि खिलाड़ियों को अपनी भावनाएं व्यक्त करने की आजादी होनी चाहिए, बशर्ते यह शारीरिक टकराव तक न जाए. उन्होंने कहा, "कुछ इशारों को गलत नहीं समझना चाहिए. यह पूरी तरह अंपायरों पर निर्भर करता है कि वे इसे कैसे देखते हैं."
कोहली की प्रतिस्पर्धी प्रकृति
वासन ने कोहली की प्रतिस्पर्धी प्रकृति की तारीफ करते हुए कहा, "विराट की प्रकृति ऐसी है कि वह चाहे अपनी बेटी के साथ खेलें, फिर भी जीतना चाहेंगे. इसमें बुरा मानने की कोई बात नहीं. जब आप मैदान पर हैं, तो खुद को बराबर समझें. न कोई रियायत मांगें, न दें."