लीवर की बीमारी का इशारा देती है आपकी त्वचा? इन बदलावों को भूलकर भी न करें नजरअंदाज

फैटी लिवर बीमारी सिर्फ लीवर तक सीमित नहीं रहती, बल्कि इसके संकेत त्वचा पर भी दिख सकते हैं. पीलिया, खुजली, दाने और काले धब्बे इस बीमारी की अहम चेतावनियां हैं.

social media
Kuldeep Sharma

फैटी लिवर डिजीज आज की बदलती जीवनशैली की एक गंभीर देन बन चुकी है. गलत खानपान, मोटापा, शराब सेवन और शारीरिक गतिविधि की कमी इसके प्रमुख कारण हैं. 

आमतौर पर इसे लिवर से जुड़ी बीमारी माना जाता है, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार इसके असर शरीर के अन्य हिस्सों, खासकर त्वचा पर भी दिखाई देने लगते हैं. त्वचा में होने वाले ये बदलाव कई बार लीवर की खराब सेहत का शुरुआती संकेत होते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

त्वचा पर दिखने वाला पीलापन (पीलिया)

फैटी लिवर की स्थिति में लीवर बिलीरुबिन को सही तरीके से प्रोसेस नहीं कर पाता. इससे त्वचा और आंखों के सफेद हिस्से में पीलापन आ सकता है. यह स्थिति पीलिया कहलाती है और इसे गंभीर चेतावनी माना जाता है. डॉक्टरों का कहना है कि इस लक्षण के दिखते ही तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेना जरूरी है, क्योंकि यह लीवर की कार्यक्षमता में गिरावट का संकेत हो सकता है.

लगातार खुजली की समस्या

नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज में खुजली एक आम समस्या है. जब लीवर शरीर से बाइल एसिड को बाहर नहीं निकाल पाता, तो ये एसिड त्वचा में जमा होने लगते हैं. इसके कारण तेज और लगातार खुजली महसूस होती है. इसके अलावा, सूजन पैदा करने वाले तत्वों की अधिकता भी खुजली को बढ़ा सकती है, जिससे मरीज को काफी असहजता होती है.

स्पाइडर वेन्स और लाल हथेलियां

फैटी लिवर के कारण शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, खासकर एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है. इसके चलते त्वचा पर छोटी-छोटी फैली हुई रक्त नलिकाएं दिखने लगती हैं, जिन्हें स्पाइडर वेन्स कहा जाता है. इसी कारण हथेलियों का असामान्य रूप से लाल हो जाना, जिसे पाम एरिथेमा कहते हैं, भी देखा जा सकता है.

काले धब्बे और पीले दाने

इंसुलिन रेजिस्टेंस फैटी लिवर से जुड़ी एक आम समस्या है. इसके कारण गर्दन, बगल और शरीर के अन्य हिस्सों में काले धब्बे पड़ सकते हैं, जिसे एकैंथोसिस नाइग्रिकन्स कहा जाता है. वहीं, रक्त में वसा की मात्रा बढ़ने से त्वचा पर छोटे पीले दाने उभर सकते हैं, जिन्हें इरप्टिव जैंथोमास कहा जाता है.

रैशेज और बचाव के उपाय

लीवर जब सही तरीके से काम नहीं करता, तो खून के थक्के बनाने की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है. इससे त्वचा पर रैशेज और आसानी से चोट के निशान पड़ने लगते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार त्वचा की राहत के लिए पर्याप्त पानी पीना, मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल और ठंडी पट्टी मददगार हो सकती है. असली इलाज जीवनशैली सुधार, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम में ही है.

नोट: यह जानकारी केवल सामान्य उद्देश्य के लिए है. किसी भी लक्षण पर डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है.