साउथैम्पटन में खेले गए तीसरे वनडे में इंग्लैंड ने बल्ले और गेंद दोनों से जबरदस्त प्रदर्शन किया और साउथ अफ्रीका को 342 रन से रौंद डाला. यह वनडे क्रिकेट के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी जीत है. इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने जहां 400 से ज्यादा रन ठोके, वहीं गेंदबाजों ने महज 72 रन पर साउथ अफ्रीकी टीम को पवेलियन लौटा दिया.
पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड ने साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों को एक पल के लिए भी संभलने का मौका नहीं दिया. टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में 414 रन बनाकर पांच विकेट खोए. यह इंग्लैंड का वनडे क्रिकेट में पांचवां सबसे बड़ा स्कोर है. जैकब बेथेल और जो रूट ने शानदार शतक जमाए और टीम को मजबूत नींव दी. इनके अलावा मध्यक्रम के बल्लेबाजों ने भी तेजी से रन जुटाकर विपक्षी टीम पर दबाव बनाए रखा.
साउथ अफ्रीका की पारी की शुरुआत ही बुरी तरह लड़खड़ा गई. इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर और ब्राइडन कार्स ने पहले ही ओवरों में कहर बरपाते हुए विपक्षी टीम के शीर्ष क्रम को तहस-नहस कर दिया. दोनों गेंदबाजों ने मिलकर छह विकेट झटके और साउथ अफ्रीका को मुकाबले से लगभग बाहर कर दिया. उनकी धारदार गेंदबाजी के सामने अफ्रीकी बल्लेबाज टिक ही नहीं पाए.
शीर्ष क्रम ढहने के बाद साउथ अफ्रीका के निचले क्रम पर भी कोई खिलाड़ी इंग्लिश गेंदबाजों का सामना नहीं कर सका. लेग स्पिनर आदिल राशिद ने तीन विकेट चटकाए और विपक्षी टीम को पूरी तरह बैकफुट पर धकेल दिया. नतीजा यह हुआ कि पूरी अफ्रीकी टीम सिर्फ 72 रन पर सिमट गई. टीम के कप्तान टेम्बा बावुमा चोट के कारण बल्लेबाजी करने नहीं आए, जिससे उनकी स्थिति और भी कमजोर हो गई.
इंग्लैंड की यह जीत वनडे इतिहास में सबसे बड़ी जीत साबित हुई. 342 रन के अंतर से जीत हासिल करके इंग्लैंड ने क्रिकेट जगत में नया रिकॉर्ड दर्ज कर दिया. इससे पहले इतनी बड़ी जीत किसी भी टीम ने दर्ज नहीं की थी. इस मुकाबले ने साफ कर दिया कि इंग्लैंड इस समय सीमित ओवरों के क्रिकेट में कितनी मजबूत टीम है. शानदार बल्लेबाजी, तेज रफ्तार गेंदबाजी और बेहतरीन फील्डिंग के दम पर इंग्लैंड ने एकतरफा अंदाज में यह मैच जीतकर सीरीज में भी अपना दबदबा कायम किया.