menu-icon
India Daily

टूटे हुए कंधे के साथ एशेज सीरीज खेलेंगे क्रिस वोक्स! टीम के लिए नहीं कराएंगे सर्जरी

Chris Woakes: इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स को भारत के खिलाफ पांचवें टेस्ट मैच के दौरान चोट का सामना करना पड़ा था. ऐसे में वे सर्जरी के बजाय रिहैब करने वाले हैं, ताकि एशेज सीरीज से पहले फिट हो सकें.

Chris Woakes
Courtesy: Social Media

Chris Woakes: इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स ने अपने टूटे हुए कंधे के बावजूद इस साल के अंत में होने वाली एशेज सीरीज में खेलने का फैसला किया है. 36 साल के इस खिलाड़ी ने सर्जरी के बजाय रिहैबिलिटेशन का रास्ता चुना है ताकि वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 21 नवंबर को पर्थ में शुरू होने वाले पहले टेस्ट में हिस्सा ले सकें. 

वोक्स को भारत के खिलाफ पांचवें टेस्ट के पहले दिन एक बाउंड्री रोकने की कोशिश में कंधे में चोट लग गई थी. इस चोट के कारण वह उस टेस्ट में न तो गेंदबाजी कर पाए और न ही पहली पारी में बल्लेबाजी कर सके. हालांकि, दर्द के बावजूद उन्होंने हिम्मत दिखाई और आखिरी विकेट गिरने पर बाएं हाथ को स्लिंग में बांधकर बल्लेबाजी के लिए उतरे. यह उनके जज्बे और टीम के प्रति समर्पण को दर्शाता है.

रिहैब करेंगे क्रिस वोक्स

वोक्स ने बीबीसी स्पोर्ट को बताया कि वह अपने कंधे की स्कैन रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. उनके सामने दो रास्ते हैं, सर्जरी या रिहैबिलिटेशन. सर्जरी का विकल्प चुनने पर रिकवरी में तीन से चार महीने लग सकते हैं, जो एशेज सीरीज के समय के साथ टकरा सकता है. वहीं, रिहैबिलिटेशन के जरिए वह 8 हफ्तों में अपने कंधे को मजबूत कर सकते हैं. वोक्स ने कहा, "रिहैब के साथ चोट दोबारा होने का खतरा है लेकिन यह एक ऐसा जोखिम है जो मैं अपनी टीम के लिए उठाने को तैयार हूं."

एशेज के लिए जुनून

एशेज सीरीज क्रिकेट की सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट्स में से एक है और वोक्स इस मौके को किसी भी कीमत पर नहीं खोना चाहते. उनकी योजना है कि रिहैब प्रक्रिया के जरिए वह समय पर फिट हो जाएं और इंग्लैंड के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे सकें. विशेषज्ञों और फिजियोथेरेपिस्ट्स से सलाह लेने के बाद वोक्स इस जोखिम भरे रास्ते पर चलने को तैयार हैं.

टीम के लिए समर्पण

वोक्स का यह फैसला उनके देश और टीम के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाता है. चोट के बावजूद मैदान पर उतरने और सर्जरी जैसे बड़े कदम को टालकर रिहैब चुनने का उनका निर्णय दिखाता है कि वह इंग्लैंड की जीत के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं.