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Paris Olympic में गोल्ड जीतने के बाद अरशद नदीम ने फिर फेंका भाला, देखें VIDEO

Arshad Nadeem: अरशद नदीम आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. वो पाकिस्तान के स्टार जैवलिन थ्रोअर हैं, जिन्होंने ओलंपिक में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा है. गोल्ड जीतने के बाद उन्होंने कराची में भाला फेंका, जिसका वीडियो वायरल है.

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Edited By: India Daily Live
Arshad Nadeem
Courtesy: Twitter

Arshad Nadeem: पेरिस ओलंपिक 2024 में पाकिस्तान के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले जैवलिन थ्रोअर अरशद नदीम की खूब वाहवाही हुई. जब वो अपने देश लौटे तो उन्हें देश की आवाम से प्यार-सम्मान मिला. सरकार और नेताओं ने करोड़ों रुपए की इनाम राशि दी. अब एक बार फिर अरशद नदीम चर्चा में हैं. उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि ओलंपिक में गोल्ड जीतने के बाद उन्होंने कराची में पहली बार भाला फेंका.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि नदीम एक पार्क में यह भाला फेंकते हैं. उनके पास दर्जनों लोगों की भीड़ है, जो तालियां भी बजाती नजर आ रही है. यह वीडियो 'टाइम्स ऑफ कराची' ने एक्स पर शेयर किया है.  

रिकॉर्ड 92.97 मीटर दूर भाला फेंक कर गोल्ड जीता

पाकिस्तानी एथलीट अरशद नदीम ने 2024 पेरिस ओलिंपिक में रिकॉर्ड 92.97 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड पर कब्जा किया था. उन्होंने भारत के नीरज चोपड़ा को पछाड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की थी. नीरज को सिल्वर मेडल मिला था.



गोल्ड जीतने के बाद अरशद की जिंदगी बदल गई

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गोल्‍ड जीतने से पहले उनकी कुल संपत्ति लगभग 80 लाख रुपये थी. लेकिन गोल्ड जीतने के बाद उनकी किस्मत ही बदल गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्हें 15 करोड़ 40 लाख रुपए इनाम के तौर पर मिले हैं.

कौन हैं अरशद नदीम

अरशद नदीम आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. वो पाकिस्तान के स्टार जैवलिन थ्रोअर हैं, जिन्होंने ओलंपिक में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा है. इस एथलीट का जन्म पाकिस्तान के पंजाब के मियां चन्नू में एक पंजाबी परिवार में हुआ था. वह कुल आठ भाई-बहन हैं. अरशद एक मुस्लिम हैं, जो पाकिस्तानी पंजाबी हैं. उन्होंने 2015 से जैवलिन थ्रो की स्पर्धाओं में हिस्सा लेना शुरू किया था. फरवरी 2016 में अरशद नदीम ने गुवाहाटी में साउथ एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. टोक्यो ओलंपिक में वो चूक गए थे, लेकिन इस बार गोल्ड जीतकर ही लौटे.