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विराट कोहली और रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से अचानक क्यों लिया संन्यास? अजीत अगरकर से खोला सबसे बड़ा राज

Rohit Sharma-Virat Kohli: रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास पर भारत के चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने चुप्पी तोड़ी है. उनका कहना है कि रोहित और विराट के ऊपर किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं डाला गया.

Rohit Sharma Virat Kohli
Courtesy: Social Media

Rohit Sharma-Virat Kohli: भारतीय क्रिकेट के दो सबसे बड़े सितारे, विराट कोहली और रोहित शर्मा ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करके फैंस को हैरान कर दिया. दोनों ने पिछले साल टी20 क्रिकेट से संन्यास लिया था, लेकिन टेस्ट क्रिकेट से उनकी अचानक विदाई ने कई सवाल खड़े कर दिए.

बीसीसीआई के चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने इस फैसले के पीछे की वजह को साफ किया और बताया कि आखिर कोहली और रोहित ने यह बड़ा कदम क्यों उठाया. बता दें कि रोहित ने पहले और फिर उसके 5 दिन बाद विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था.

अजीत अगरकर ने बताई संन्यास की वजह

अजीत अगरकर ने कोहली और रोहित के संन्यास पर अपनी बात रखी. उन्होंने बताया कि यह फैसला पूरी तरह से दोनों खिलाड़ियों का निजी फैसला था. अगरकर ने कहा, "जब कोहली ने हमें बताया कि वह संन्यास लेना चाहते हैं, तो हमने उनके फैसले का सम्मान किया. हमने देखा है कि वह हर गेंद पर, चाहे बल्लेबाजी हो या फील्डिंग, हमेशा अपना 100% देते हैं. शायद उन्हें लगा कि अब वह अपने खुद के बनाए हुए स्टैंडर्ड को बरकरार नहीं रख सकते, इसलिए उन्होंने यह फैसला लिया."

बीसीसीआई ने नहीं डाला कोई दबाव

अजीत अगरकर ने आगे कहा, "जब कोई खिलाड़ी ऐसा फैसला लेता है, तो यह मेरा काम नहीं है कि मैं उसमें दखल दूं. यह उनका निजी फैसला है. अगर कोई हमें बताता है, तो हम उससे बात करते हैं. मुझे नहीं पता कि अगर वे नहीं हटते तो हम बेहतर स्थिति में होते. यह डब्ल्यूटीसी का नया साइकिल है." अगरकर ने यह भी कहा कि जब कोई खिलाड़ी संन्यास लेता है, तो उसका सम्मान करना चाहिए.

कोहली और रोहित की विरासत

अजीत अगरकर ने कोहली और रोहित की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि दोनों ने भारतीय क्रिकेट में एक शानदार विरासत छोड़ी है. अगरकर ने कहा, "दोनों ने एक बड़ी विरासत छोड़ी है. मैं कोहली और रोहित दोनों का बहुत सम्मान करता हूं."

कोहली और रोहित ने न केवल अपनी बल्लेबाजी से, बल्कि अपनी कप्तानी से भी भारतीय टेस्ट क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. लेकिन उनके इस फैसले से साफ है कि वे अब युवा खिलाड़ियों को मौका देना चाहते हैं और खुद को वनडे क्रिकेट तक सीमित रखना चाहते हैं.