Neeraj Chopra Part Ways With Klaus Bartonietz: भारत के लिए दो बार स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा के लिए एक दुखद खबर है. दरअसल, पिछले पांच सालों से उन्हें प्रशिक्षण देने वाला गुरु या कोच अब उन्हें छोड़कर जा रहा है.
दो बार के ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा अब अपने कोच क्लॉस बार्टोनिट्ज से अलग हो गए हैं. जर्मन कोच बायोमैकेनिक्स विशेषज्ञ के रूप में नीरज से जुड़े थे और बाद में 2019 में उनके स्थायी कोच बन गए. उवे होन के एएफआई और भारतीय खेल प्राधिकरण के साथ मतभेद के बाद उन्होंने चोपड़ा के कोच का पद संभाला था.
इस बता की जानकारी देते हुए भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के एक अधिकारी ने कहा कि नीरज के कोच बार्टोनिट्ज अपने परिवार के साथ कुछ समय बिताना चाहते हैं और इसलिए उन्होंने ये पार्टनरशिप तोड़ी है. इस बयान से पहले अफवाह फैल रहा था कि नीरज जर्मनी कोच के साथ कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर रहे है. अब इस बात की भी पुष्टि हो गई है.
दरअसल, नीरज चोपड़ा ने बार्टोनिट्ज के साथ रहते हुए टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड और पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल देश के लिए जीता. साथ ही डायमंड लीग चैंपियन और वर्ल्ड चैंपियन बने. इतना ही नहीं इसके अलावा एशियाई खेलों में भी गोल्ड मेडल जीते है. जर्मन कोच बार्टोनिट्ज के साथ नीरज ने आखिरी बार ब्रुसेल्स में डायमंड लीग फाइनल में भाग लिया और दूसरे स्थान पर रहे थे.
One of the most iconic partnerships in Indian sports history, that between #NeerajChopra and his long-time coach Klaus Bartonietz, is moving towards an end as the latter wants to focus on his family commitments.
— The Bridge (@the_bridge_in) October 2, 2024
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बार्टोनिट्ज और उनकी टीम ने मिलकर चोपड़ा के साथ बहुत मेहनत की. जब नीरज चोट से वापस आए तो उन्होंने पहली कॉम्पिटिशन में 87.86 मीटर का लंबा थ्रो फेंका था. चोपड़ा की ओलंपिक की तैयारी में कोविड-19 महामारी ने भी काफी प्रभावित किया था. लेकिन उस समय में उनके कोच बार्टोनिट्ज ने उनका बहुत साथ दिया. लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने अच्छा कर दिखाया था. नीरज-बार्टोनिट्ज की जोड़ी ने देश ने काफी काम किया है. ऐसे में बार्टोनिट्ज के वापस जाने से नीरज को दिक्कत हो सकती है.