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India Daily

ड्रीम11 के बाहर होने के बाद BCCI ने स्पॉन्सर के लिए बनाए कड़े नियम, अल्कोहल, तंबाकू और सट्टेबाजी वाली कंपनियां बैन

ड्रीम11 का भारतीय क्रिकेट बोर्ड के साथ नाता तब समाप्त हो गया जब इस ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म ने अपना तीन साल का अनुबंध समाप्त कर लिया. इसके बाद सरकार ने नए ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन एक्ट के तहत रियल-मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया.

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Edited By: Gyanendra Sharma
BCCI issued tender for sponsorship
Courtesy: Social Media

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने मंगलवार को पुरुष और महिला दोनों क्रिकेट टीमों के प्रमुख प्रायोजन अधिकारों के लिए केवल प्रतिष्ठित फर्मों से बोलियां आमंत्रित किया है. बिड डालने की आखिरी तारीख 16 सितंबर रखी गई है. ड्रीम 11 के हटने के बाद भारतीय टीम के पास प्रयोजक नहीं है.

अगर प्रक्रिया तेजी से आगे नहीं बढ़ती है, तो ड्रीम11 के बाहर होने के बाद सूर्यकुमार यादव की अगुवाई वाली भारतीय टीम एशिया कप में बिना किसी प्रमुख प्रायोजक के खेलेगी , इसकी संभावना ज़्यादा है. महिला क्रिकेट टीम को भी इस महीने के अंत में विश्व कप में भाग लेना है, और यह देखना बाकी है कि बोर्ड 30 सितंबर को गुवाहाटी में शुरू होने वाली प्रतियोगिता से पहले कोई प्रमुख प्रायोजक जुटा पाता है या नहीं.

ड्रीम11 का भारतीय क्रिकेट बोर्ड के साथ नाता तब समाप्त हो गया जब इस ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म ने अपना तीन साल का अनुबंध समाप्त कर लिया. इसके बाद सरकार ने नए ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन एक्ट के तहत रियल-मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया. बीसीसीआई द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रीय टीम के प्रमुख प्रायोजक अधिकारों के लिए अभिरुचि पत्र 5,00,000 रुपये की गैर-वापसीयोग्य फीस तथा लागू वस्तु एवं सेवा कर के भुगतान पर उपलब्ध कराया जाएगा.

बिड का मानदंड क्या है?

बीसीसीआई ने क्रिप्टो और ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को प्रमुख प्रायोजन अधिकारों के लिए आवेदन करने से प्रतिबंधित कर दिया है. बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल वही कंपनियां आवेदन कर सकती हैं जिनका वार्षिक कारोबार 300 करोड़ रुपये से अधिक है. बीसीसीआई ने कहा कि पिछले 3 तीन वर्षों के लिए प्रत्येक बोलीदाता का औसत कारोबार पिछले 3 तीन ऑडिट किए गए खातों के अनुसार कम से कम 300,00,00,000 रुपये (केवल तीन सौ करोड़ रुपये) होना चाहिए या पिछले 3 तीन ऑडिट किए गए खातों के अनुसार पिछले 3 (तीन) वर्षों के लिए प्रत्येक बोलीदाता का औसत निवल मूल्य कम से कम 300,00,00,000 रुपये (केवल तीन सौ करोड़ रुपये) होना चाहिए.

अल्कोहल, तंबाकू और सट्टेबाजी वाली कंपनियां नहीं लगा पाएगी बोली

बीसीसीआई ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रायोजन अधिकारों के लिए आवेदन करने में रुचि रखने वाला कोई भी फर्म भारत या दुनिया में कहीं भी ऑनलाइन मनी गेमिंग, सट्टेबाजी या जुए की सेवाओं या इसी तरह की सेवाओं में संलग्न नहीं होना चाहिए. उसे भारत में किसी भी व्यक्ति को ऑनलाइन मनी गेमिंग, सट्टेबाजी या जुए की सेवाएं या इसी तरह की सेवाएं प्रदान नहीं करनी चाहिए और भारत में सट्टेबाजी या जुए की सेवाओं में संलग्न किसी भी व्यक्ति में उसका कोई निवेश या स्वामित्व हित नहीं होना चाहिए. बीसीसीआई ने क्रिप्टोकरेंसी कंपनियों, शराब कंपनियों और तंबाकू कंपनियों को भी बोली प्रक्रिया से रोक दिया है.