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छठ पूजा की वो मान्यताएं जो आपको निभानी चाहिए जरूर

chath pooja: अक्टूबर का महीना खत्म हो रहा है और नवंबर बस कुछ ही दिन में हमारे कान में आकर गुनगुना लगेगा..त्योहारों की धूम चारो तरफ देखने को मिल रही है..इसी बीच बिहारियों का महापर्व छठ पूजा भी जल्दी आने वाली हैं

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Priya Singh
Last Updated : 06 November 2023, 11:13 PM IST
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Courtesy: chath pooja

एक बिहारी समाज ही ऐसा समाज है जो सूरज के दोनों रूपों की पूजा करता है..बिहारी समाज सूरज के उगने पर भी उसको पूजता है और उसके अष्ट होने पर भी उसको पूजता है..

Courtesy: chath pooja

छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय से होती है जिसमें दिन व्रती महिलाएं नदी या घर में स्नान करती हैं और इसके बाद छठ व्रती प्रसाद बनाना शुरू करती हैं.

Courtesy: chath pooja

छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है. खरना मतलब शुद्धिकरण होता है. यह कार्तिक पंचमी को मनाया जाता है.

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मान्यता-- इस प्रसाद को सबको बांटा जाता है और कहते है कि बहुत नसीब वाले होते है जिनको ये प्रसाद मिलता है.

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मान्यता--- अगर आप भी इस दौरान नदी के अंदर खड़े होकर सूर्य देवता की आराधना करें तो आपके बिगड़े काम बनेंगे.

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मान्यता-- इस दौरान जो व्रती महिला है वो जब घाट से आती है तो घर की बेटी या बहू पैर धूलती है उनके और उनका आशीर्वाद लेती है. ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने से आपको सीधा छठी मैया का आशीर्वाद मिलता है.