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India Daily

Zombie Virus: कोरोना के बाद अब जॉम्बी वायरस का खतरा! साइंटिस्ट्स ने दी सर्तक रहने की सलाह

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो CWD स्लो मोशन वाला पेंडेमिक है. इंसानों के भी इस बीमारी के चपेट में आने की पूरी संभावना है. इस लाइलाज बीमारी से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहना जरूरी है.

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Edited By: Om Pratap
Zombie Deer chronic wasting disease

हाइलाइट्स

  • क्रॉनिक वेस्टिंग डिजीज का नहीं है कोई इलाज
  • CWD से इंसानों के संक्रमित होने का एक भी मामला नहीं

Zombie Deer chronic wasting disease Signs treatment: कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के खतरे के बीच वैज्ञानिकों ने नई बीमारी के बारे में लोगों को आगाह किया है. कहा जा रहा है कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है. सतर्कता ही बचाव का एकमात्र उपाय है. दरअसल, वैज्ञानिकों ने जिस बीमारी के बारे में चेतावनी जारी की है, उसे क्रॉनिक वेस्टिंग डिजीज (CWD) या फिर जॉम्बी डियर डिजीज के नाम से जाना जाता है. उत्तरी अमेरिका, कनाडा, अमेरिका, नॉर्वे और दक्षिण कोरिया में इस बीमारी के कई मामले सामने आए हैं.

अमेरिकी फेडरल एजेंसी ‘सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन’ के मुताबिक, यह बीमारी हिरण और इसके अन्य प्रजातियों को प्रभावित कर रही है. अगर किसी हिरण या फिर इसकी प्रजाति के जानवर में जॉम्बी डिजीज है, तो उसे पहचानने में या फिर लक्षण विकसित होने में करीब एक साल का समय लग सकता है. 

क्रॉनिक वेस्टिंग डिजीज का कोई इलाज नहीं

मेडिकल फील्ड से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक, CWD सभी उम्र के जानवरों को प्रभावित कर सकता है और कुछ संक्रमित जानवर बीमारी विकसित हुए बिना ही मर सकते हैं. CWD का कोई इलाज या टीका नहीं है. हालांकि आज तक लोगों में CWD संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है, फिर भी सावधानी बरतना बेहद ज़रूरी है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, CWD बीमारियों के एक परिवार से संबंधित है जिसे प्रियन रोग या ट्रांसमिसिबल स्पॉन्जिफॉर्म एन्सेफेलोपैथीज (TSE) कहा जाता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, जैसे-जैसे CWD के लक्षण सामने आते हैं, संक्रमित जानवरों के व्यवहार और रूप-रंग में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं, जैसे- 

  • वजन घटना
  • लार टपकना
  • अत्यधिक प्यास लगना या पेशाब आना
  • झुके हुए कान

CWD से इंसानों को कितना खतरा?

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो CWD स्लो मोशन वाला पेंडेमिक है. इंसानों के भी इस बीमारी के चपेट में आने की पूरी संभावना है. इस लाइलाज बीमारी से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहना जरूरी है. कनाडा के मिनेसोटा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर माइकल ऑस्टरहोल्म के मुताबिक, किसी संक्रमित हिरण या फिर उसके किसी प्रजाति के मांस को खाने से लोगों को ये बीमारी हो सकती है.