क्या सिर्फ योग करना फिट रहने के लिए काफी है? नए रिसर्च में हुआ चौंकानेवाला खुलासा

Study on Yoga Benefits: अध्ययन का मुख्य फोकस हृदय स्वास्थ्य पर रहा, जो समग्र सेहत का एक प्रमुख स्तंभ है. वैज्ञानिकों का कहना है कि हृदय को स्वस्थ बनाए रखने के लिए रक्त वाहिकाओं का लचीलापन बहुत जरूरी है.

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Kanhaiya Kumar Jha

Study on Yoga Benefits: अक्सर लोग स्वस्थ रहने के लिए योग करते हैं, लेकिन हालिया रिसर्च में बताया गया है कि सिर्फ योग करना शारीरिक रूप से फिट रहने के लिए पर्याप्त नहीं है. एडवांसेज इन इंटीग्रेटिव मेडिसिन नामक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, योग लचीलापन और मानसिक शांति के लिए बेहद फायदेमंद है, लेकिन समग्र स्वास्थ्य के लिए अकेले यह पर्याप्त नहीं माना जा सकता.

अध्ययन का मुख्य फोकस हृदय स्वास्थ्य पर रहा, जो समग्र सेहत का एक प्रमुख स्तंभ है. वैज्ञानिकों का कहना है कि हृदय को स्वस्थ बनाए रखने के लिए रक्त वाहिकाओं का लचीलापन बहुत जरूरी है. यह लचीलापन हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और ब्लड क्लॉटिंग जैसी समस्याओं से बचाव में मदद करता है. रक्त वाहिकाओं की दक्षता शरीर के हर हिस्से तक ऑक्सीजन और खून पहुंचाने में अहम भूमिका निभाती है.

योग के हृदय पर पड़ने वाले प्रभाव की तुलना अन्य व्यायामों से की गई

इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने योग के हृदय पर पड़ने वाले प्रभाव की तुलना अन्य व्यायामों से की. नतीजे बताते हैं कि पारंपरिक व्यायाम धमनियों का लचीलापन बढ़ाने में योग की तुलना में अधिक कारगर साबित हुए. वहीं, योग के हृदय स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर मिले-जुले परिणाम सामने आए. दिलचस्प बात यह रही कि योग के फायदे बुजुर्गों में अधिक स्पष्ट दिखाई दिए, जबकि युवा वर्ग पर इसका प्रभाव सीमित रहा.

बुजुर्गों के लिए लाभदायक है योग

फिर भी, विशेषज्ञों ने योग को पूरी तरह नकारा नहीं है. उनका मानना है कि योग भारतीय संस्कृति में गहराई से जुड़ा हुआ है और विशेष रूप से उन बुजुर्गों के लिए लाभदायक है जो तीव्र या उच्च-तीव्रता वाले व्यायाम नहीं कर सकते. योग एक कोमल और सुरक्षित व्यायाम पद्धति है, जो शरीर को सक्रिय बनाए रखती है.

हालांकि, शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि केवल योग पर निर्भर रहने के बजाय इसे अन्य शारीरिक गतिविधियों के साथ जोड़ा जाए. उनका कहना है कि हर तरह की गतिविधि बेहतर है, बजाय इसके कि व्यक्ति बिल्कुल निष्क्रिय रहे. यानी, योग को एक संतुलित फिटनेस रूटीन का हिस्सा बनाया जाना चाहिए, न कि इसे फिटनेस का एकमात्र आधार.