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कैसे और कब बनते हैं लू के हालात, आपके स्वास्थ्य के लिए कितना गंभीर खतरा

Heatwave Alert: जैसे-जैसे गर्मी जोर पकड़ रही है और तापमान में लगातार इजाफा हो रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आने वाले दिनों में 'हीटवेव अलर्ट' जारी किया है.

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Manish Pandey
heat wave

Heatwave Alert: भारत में अप्रैल से ही जिस तरह की गर्मी पड़ रही है, उससे ये अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि आने वाले दिनों में गर्मी का प्रचंड रूप देखने को मिलेगा. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में अगले दो दिनों तक लू (what is heat wave) चलने की आशंका जताई है.

आईएमडी की ओर से यह अलर्ट ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, विदर्भ, उत्तरी कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के राज्यों को लेकर जारी किया गया है. भारत में मई को गर्मी की लहर का चरम महीना माना जाता है.

क्या होता है हीटवेव का पैमाना

हालांकि मार्च से जून के दौरान और कुछ राज्यों में जुलाई के महीने में भी भीषण गर्मी होती है. तटीय इलाकों में जब अधिकतम तापमान सामान्य से 4.50C या अधिक होता है, तो उसे हीट वेव माना जा सकता है, बशर्ते अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो.

क्या होती है लू की स्थिति?

आईएमडी के अनुसार, हीटवेव तब होती है जब हवा का तापमान उस स्तर तक पहुंच जाता है जो संपर्क में आने पर मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करता है. गर्मी की लहरें इंसानों के साथ-साथ जानवरों के जीवन पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं. 'हीटवेव' की पहचान तब की जाती है जब किसी स्थान पर अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों के लिए 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 30 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तक पहुंच जाता है.

भारत के लू प्रभावित राज्य कौन से हैं?

गर्मी की लहर आम तौर पर मार्च से जून के दौरान उत्तर पश्चिम भारत, मध्य, पूर्व और उत्तरी प्रायद्वीपीय भारत के मैदानी इलाकों में होती है. इसमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ हिस्से, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं. कभी-कभी यह तमिलनाडु और केरल में भी होता है.

लू से बचने के लिए क्या उपाय करने चाहिए?
- धूप में बाहर जाने से बचें, खासकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच.
- पर्याप्त पानी पिएं और संभव हो तो प्यास न लगने पर भी पानी पिएं.
- हल्के रंग के, ढीले और सूती कपड़े पहनें. धूप में बाहर जाते समय चश्मे, छाता, टोपी का प्रयोग करें.
- यात्रा करते समय अपने साथ पानी जरूर रखें.
- शराब, चाय और कॉफी पीने से बचें.
- अधिक प्रोटीन वाले भोजन से बचें और बासी खाना न खाएं.
- यदि आप बाहर काम करते हैं, तो अपने सिर, गर्दन, चेहरे और अंगों पर गिले कपड़े का उपयोग करें.
- पार्क किए गए वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को न छोड़ें.
- ओआरएस, लस्सी, नींबू पानी, छाछ आदि का प्रयोग करें. 
- पशुओं को छाया में रखें और उन्हें खूब पानी पिलाएं.
- अपने घर को ठंडा रखें, पर्दे र या सनशेड का उपयोग करें.

सनबर्न के लक्षण क्या हैं?

भीषण गर्मी और लू के चलते लोगों पर सनबर्न का खतरा भी बढ़ जाता है.  सनबर्न के कारण त्वचा लाल पड़ जाती है और दर्द, सूजन, छाले, बुखार और सिरदर्द होने लगता है. ऐसा होने पर साबुन का उपयोग करके स्नान करें जो शरीर को प्राकृतिक रूप से ठंडा होने से रोकने वाले छिद्रों को खोलता है. इसके बाद डॉक्टर से सलाह लें.