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फेसियल कराने से महिलाओं को हो रहा है HIV, जानें कहां का है मामला 

Vampire Facial News: मैक्सिको में वैम्पायर फेसियल कराने पर कई महिलाएं HIV से संक्रमित हो गई हैं. अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी और रोकथाम केंद्र CDC ने इससे जुड़े जोखिम पर रिपोर्ट पेश की है.

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Vampire Facial News: हाल ही नए तरीके से HIV फैलने का मामला प्रकाश में आया है. वैम्पायर नाम की फेमस कॉस्मेटिक प्रक्रिया के माध्यम से एचआईवी का प्रसार होने की घटना दर्ज की गई है. मैक्सिको में इस फेसियल के कारण तीन महिलाएं संक्रिमत हो गई.  एचआईवी यानी ह्युमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस जो शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को नुकसान पहुंचाता है जिसका फिलहाल कोई इलाज मौजूद नहीं है. 

अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी, रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) की एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया. रिपोर्ट में ब्यूटी प्रोडक्ट और उनसे जुड़ी सेवाएं प्रदान करने वाले ब्रांड्स पर प्रकाश डाला गया है. रिपोर्ट में ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने के जोखिमों के बारे में भी बात की गई है. 

मैक्सिको के स्पा को साल 2018 में अनियमितताओं के चलते बंद कर दिया गया था. बगैर लाइसेंस के स्पा को संचालित करने के आरोप में इसका मालिक अभी भी जेल की सलाखों के पीछे सजा काट रहा है. वॉशिंगटन पोस्ट की खबर के अनुसार, एचआईवी केस मिलने की शुरुआत तब हुई थी जब एक ग्राहक ने स्पा से वैंपायर फेसियल कराने के बाद खुद को एचआईवी से संक्रमित बताया. 

मामले के खुलासे के बाद जब जांच की गई तब पता चला कि कई उत्पादों का पुन: प्रयोग और बिना लेबल वाली कई ब्लड बोटल्स बरामद की गई. हालांकि अभी तक पूरी तरह से इसका सटीक आंकलन नहीं हो सका है. जांचकर्ताओं का मानना है कि दूषित इंजेक्शन और बार बार इस्तेमाल की गई ब्लड बोटल्स इसके इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं. स्पा जाने के बाद ग्राहकों को तुरंत बाद एचआईवी पॉजिटिव पाए गए थे.  जांच के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने पूर्व स्पा ग्राहकों से एचआईवी परीक्षण कराने का आग्रह किया है. वैम्पायर फेसियल को आमतौर पर कम जोखिम वाला माना जाता है. इस दौरान 200 लोगों का परीक्षण किया गया जिसमें अतिरिक्त मामले की पहचान नहीं हो पाई है. 

क्या है वैम्पायर फेसियल? 

वैम्पायर  फेशियल जिसे प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा माइक्रोनीडलिंग के रूप में भी जाना जाता है. यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति का रक्त खींचा जाता है और उससे प्लेटलेट्स को अलग कर दिया जाता है.  इन प्लेटलेट्स को छोटी सुइयों का उपयोग करके चेहरे में इंजेक्ट किया जाता है जो मुश्किल से ही त्वचा में जाती हैं. आमतौर पर काफी लोग इस प्रक्रिया को पसंद करते हैं उनका कहना है कि यह झुर्रियों और मुँहासों के दागों को कम करके उनकी त्वचा को बेहतर बनाता है.