Treatment Of STD: आज के दौर में खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से लोग कई बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. आमतौर पर संबंध रखने वाले लोगों में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. जिसके वजह से लोगों के लाइफ पर गंभीर असर पड़ सकता है. हर दिन STD के मामले आए दिन बढ़ते जा रहे हैं. भारत में बहुत से लोग सेक्सुअली ट्रांसमिटिडे डिजीज होने की वजह से डॉक्टर के पास जाने से बचते हैं ताकि उन्हें शर्मिंदगी का सामना न करना पड़े. लेकिन गंभीर बीमारी को लेकर सावधानी रखना बेहद जरूरी है.
STD जिसे सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज कहा जाता है एक ऐसा इंफेक्शन हैं जो शारीरिक संबंध बनाने के वजह से फैलता है. यह बीमारी पुरुष और महिलाओं दोनों में फैल सकती है. STD होने पर केवल फिजीकली ही नहीं बल्कि मेंटली भी बुरा असर पड़ता है. ऐसे में समय रहते इलाज करना बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं STD के लक्षण और बचाव के बारे में.
STD मे ट्रेपोनेमा पैलिडम नाम का बैक्टीरिया के वजह से क्लैमिडिया, गोनोरिया, सिफलिस और यौन रोग होने का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, एचआईवी , हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस (एचएसवी) और ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) जैसी बीमारी STD का कारण हो सकता है.
अगर आपको वजाइना से असामान्य डिस्चार्ज, पेशाब में जलन या वजाइना में छाले जैसे लक्षण नजर आए तो STD होने की संभावना हो सकती है. इसके अलावा पेट दर्द, खुजली या जलन, संबंध के दौरान दर्द, बुखार, थकान, बांझपन जैसे लक्षण भी इस इंफेक्शन के दौरान नजर आते हैं. अगर आपको ऐसे कोई लक्षण नजर आए तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.
STD का इलाज इंफेक्शन के कारण के अनुसार किया जाता है. जैसे की कुछ एंटीबायोटिक दवाओं से STD का इलाज किया जा सकता है तो कुछ में एंटीवायरल दवाओं में इलाज कर सकते हैं. वहीं, कुछ STD का इलाज अच्छे से नहीं किया जा सकता है.
STD के खतरे से बचने के लिए एक से अधिक लोगों के साथ संबंध बनाने से बचें. इसके साथ STD टेस्ट जरूर कराएं और संबंध बनाते वक्त प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें.
Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.