King of Hearts Moustache: ताश के पत्तों में अलग-अलग रंग और सूट (इंसान, दिल, ईंट, पान) वाले चार बादशाह होते हैं. इनमें से तीन बादशाहों के चेहरे पर मूंछें होती हैं, जबकि चौथे बादशाह के चेहरे पर मूंछें नहीं होतीं हैं. यह सवाल बहुत से लोगों के मन में आता है कि आखिर ऐसा क्यों है.
यह सवाल जितना सरल दिखता है, इसके पीछे उतनी ही रोचक और इतिहास से जुड़ी कहानी है. आइए जानते हैं इस रहस्य को.
ताश के पत्तों की शुरुआत यूरोप में हुई थी, और वहां की संस्कृति, इतिहास, और शाही परिवारों का बड़ा असर ताश के पत्तों के डिजाइनों पर देखा गया. ताश के पत्तों में चार बादशाहों को चार ऐतिहासिक राजाओं से जोड़ा गया है.
स्पैड्स (तलवार): इसे डेविड के रूप में दर्शाया गया है। यह इस्राइली राजा थे जो युद्ध-कला के लिए मशहूर थे.
हीरे (डायमंड्स): इसे सीज़र के रूप में दिखाया गया है, जो प्राचीन रोम के राजा जूलियस सीज़र का प्रतीक है.
दिल (हर्ट्स): इसे शारलेमेन के रूप में दिखाया गया है, जो फ्रेंच राजा थे और कैथोलिक चर्च के संरक्षक माने जाते थे.
क्लब्स: इसे अलेक्जेंडर द ग्रेट के रूप में दर्शाया गया है, जो मैसेडोनिया के महान राजा थे.
ताश के पत्तों में 'दिल' का राजा' (King of Hearts) को मूंछों के बिना दिखाया गया है. इसे 'मूंछ रहित राजा' भी कहा जाता है. इसके पीछे माने जाने वाले मुख्य कारण हैं:
शारलेमेन का चित्रण: माना जाता है कि दिल के राजा का चित्रण राजा शारलेमेन के रूप में किया गया है. यूरोप में ऐसा कहा जाता है कि राजा शारलेमेन के पास मूंछें नहीं थीं, इसलिए उन्हें ताश के पत्तों में बिना मूंछों के दर्शाया गया.
प्रिंटिंग की गलती: एक अन्य मान्यता यह भी है कि प्राचीन यूरोप में जब ताश के पत्तों की छपाई हो रही थी, तो डिजाइनिंग में गलती हो गई और दिल के राजा की मूंछें भूल से नहीं छापी गईं. यह गलती बाद में भी बरकरार रखी गई, और अब यह एक परंपरा बन चुकी है.
ताश के पत्तों के डिजाइनों में मूंछों का होना या न होना कलाकारों की कल्पना और प्रतीकात्मकता को भी दर्शाता है. कुछ लोग मानते हैं कि दिल के राजा का बिना मूंछों वाला चेहरा उसकी भावनात्मक और संवेदनशीलता को दर्शाता है. दिल के राजा को एक 'प्यार का राजा' भी कहा जाता है, और इसलिए उसे बाकी बादशाहों से अलग दिखाने के लिए उसकी मूंछें हटा दी गई हैं.
लोगों के बीच यह किस्सा बहुत प्रचलित है कि दिल के राजा ने अपने जीवन में किसी समय अपनी मूंछें काट दी थीं. हालांकि इसका कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है, लेकिन कहानियों और ताश के खेल के प्रति लोगों की जिज्ञासा के कारण यह मान्यता भी प्रचलन में आ गई.
ताश के पत्तों में तीन बादशाहों की मूंछें होने और चौथे बादशाह की मूंछें न होने के पीछे एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और गलती की कहानी छुपी हुई है. यह रहस्य ताश के खेल को और भी रोचक बना देता है. अब जब भी आप ताश खेलेंगे और दिल के राजा को देखेंगे, तो शायद आपको इस दिलचस्प किस्से की याद जरूर आएगी!
ताश के इस खेल में छुपी ये छोटी-छोटी बातें इसे और मजेदार बना देती हैं. तो अगली बार ताश खेलते वक्त इस रहस्य का आनंद लें और अपने दोस्तों को भी इसकी कहानी सुनाएं!