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सिर्फ 12 हफ्तों में शरीर खुद करने लगता है मरम्मत! जानें धूम्रपान छोड़ने के बाद क्या होता है?

धूम्रपान शरीर को गहराई से नुकसान पहुंचाता है, लेकिन डॉक्टर कुनाल सूद बताते हैं कि जैसे ही व्यक्ति इसे छोड़ता है, शरीर खुद की मरम्मत शुरू कर देता है, सिर्फ कुछ हफ्तों में असर दिखने लगता है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: social media

काम के बीच में ली गई सिगरेट का कश भले ही पलभर की राहत दे, लेकिन हर कश शरीर को नुकसान पहुंचा रहा होता है. डॉक्टर कुनाल सूद बताते हैं कि धूम्रपान के दुष्प्रभाव लंबे समय तक शरीर को कमजोर करते हैं.

हालांकि अच्छी खबर यह है कि जैसे ही कोई व्यक्ति इसे छोड़ता है, उसका शरीर खुद को सुधारने लगता है. डॉक्टर सूद ने हाल ही में एक इंस्टाग्राम वीडियो के जरिए बताया कि धूम्रपान के क्या प्रभाव होते हैं और इसे छोड़ने पर शरीर में क्या बदलाव आते हैं.

क्या होता है शरीर पर धूम्रपान का असर

डॉ. कुनाल सूद के अनुसार, सिगरेट पीने से सिर्फ फेफड़े नहीं, बल्कि पूरे शरीर की कार्यक्षमता प्रभावित होती है. तंबाकू के धुएं में मौजूद टार और 7,000 से ज्यादा रसायन फेफड़ों की लचक कम कर देते हैं. यह धीरे-धीरे फेफड़ों को कठोर बना देता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई, क्रॉनिक खांसी और ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याएं होती हैं. लंबे समय तक धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों का कैंसर और हृदय रोग का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

फेफड़ों की रक्षा प्रणाली पर पड़ता है असर

डॉ. सूद बताते हैं कि धूम्रपान फेफड़ों की इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है. इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और शरीर की रिकवरी धीमी पड़ जाती है. यह कमजोरी व्यक्ति की एक्सरसाइज क्षमता को भी घटा देती है. कमजोर सिलिया (फेफड़ों के छोटे बालनुमा संरचनाएं) वायु मार्ग को साफ नहीं कर पातीं, जिससे म्यूकस प्लग बनते हैं और सांस लेने में दिक्कत होती है.

जब छोड़ देते हैं धूम्रपान, तब क्या होता है

डॉ. सूद का कहना है कि जैसे ही कोई व्यक्ति धूम्रपान छोड़ता है, शरीर खुद को तुरंत सुधारना शुरू कर देता है. वे बताते हैं कि 'दो से बारह हफ्तों के भीतर ही रक्त संचार और फेफड़ों की कार्यक्षमता बेहतर हो जाती है.' एक साल में हृदय रोग का खतरा लगभग 50% कम हो जाता है, और दस साल बाद फेफड़ों के कैंसर का जोखिम आधा रह जाता है. यह शरीर की प्राकृतिक हीलिंग का अद्भुत उदाहरण है.

कैसे उठाएं हेल्दी जीवन की ओर कदम

डॉ. सूद सलाह देते हैं कि धूम्रपान पूरी तरह छोड़ना स्वास्थ्य की रक्षा का सबसे बड़ा कदम है. इसके साथ ही वे कार्डियो एक्सरसाइज, डीप ब्रीदिंग और पेशेवर मदद लेने की सलाह देते हैं. उनका कहना है कि 'फेफड़ों की सेहत के साथ-साथ 'गट-लंग एक्सिस' यानी पाचन तंत्र और फेफड़ों के बीच का संतुलन भी जरूरी है.' एक स्वस्थ पाचन तंत्र फेफड़ों की सूजन को नियंत्रित कर बेहतर श्वसन क्षमता प्रदान करता है.

डॉ. सूद ने दी महत्वपूर्ण सलाह

डॉ. सूद ने स्पष्ट किया कि यह जानकारी सामान्य जनजागरूकता के लिए है, चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि यदि आप धूम्रपान छोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, तो डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह लें और पेशेवर मार्गदर्शन में आगे बढ़ें. धूम्रपान छोड़ना मुश्किल हो सकता है, लेकिन सही कदम और समर्थन से यह संभव है और इसके फायदे जीवनभर साथ रहते हैं.