Diwali 2024 Safety Tips: दिवाली का त्योहार रोशनी का होता है. जिसमें पटाखों, दीयों और रंगोली का खूब शोर होता है. दिवाली बड़ों से ज्यादा बच्चोंं का त्यौहार है. दिवाली के दिन छोटे बच्चे नए कपड़े पहनने, तरह-तरह की मिठाइयां खाने, पटाखे जलाने और जगमगाती रोशनी देखने के लिए उत्साहित रहते हैं. दिवाली खुशियों से ज्यादा सावधानी की बात है. बच्चों को पटाखों, रोशनी और गूंजने वाली आवाजों से बचाना खास तौर पर जरूरी है. इस त्यौहार पर थोड़ी सी भी लापरवाही बच्चों के स्वास्थ्य और शरीर दोनों को नुकसान पहुंचा सकती है.
यूनिसेफ के शोध के अनुसार, जन्म के बाद पहले 1,000 दिनों तक बच्चे को वायु प्रदूषण से बचाना जरूरी है. दरअसल, वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर असर पड़ता है. इस नोट पर, दिवाली के दौरान अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए 5 जरूरी सुरक्षा टिप्स और दिशा-निर्देशों के बारे में जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
नवजात शिशु की पहली दिवाली पर जब लोग पटाखे और फुलझड़ियां जलाते हैं, तो शिशु डर जाता है और डरा हुआ रहता है. रोशनी और कोमल होने के प्रति नाजुक होने के कारण शिशु बहुत देर तक रोता है. इनसे निकलने वाला धुआं शिशु के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है. साथ ही तेज आवाज से सुनने की शक्ति पर भी असर पड़ता है.
घर में दीये और मोमबत्तियां सावधानी से रखें, खास तौर पर ऐसी जगहों पर जहां बच्चे पहुंच सकें. माता-पिता को बच्चों को समझाना चाहिए कि दीये और मोमबत्तियां आग पैदा कर सकती हैं और जल सकती हैं, इसलिए इनसे दूरी बनाए रखें.
दिवाली के दिन बच्चों को सूती कपड़े ही पहनाएं. हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार सिंथेटिक कपड़े सूती कपड़ों की तुलना में जल्दी आग पकड़ते हैं. पटाखे और दीये जलाते समय बच्चों को ढीले कपड़े, लंबे दुपट्टे और स्कार्फ देने से बचें, ताकि आग लगने का खतरा कम हो.
दिवाली (Diwali 2024) पर किसी दुर्घटना और आपात स्थिति से बचने के लिए पहले से ही मेडिकल किट तैयार कर लें. मेडिकल किट में जलने पर मरहम, पट्टियां और एंटीसेप्टिक क्रीम रखें ताकि जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.