नई दिल्ली: ग्लोबल टेक इंडस्ट्री लगातार बड़े बदलावों से गुजर रही है. इसी बीच रोजगार बाज़ार में चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है. HP ने आधिकारिक घोषणा की है कि आने वाले समय में कंपनी 4000 से 6000 कर्मचारियों की छंटनी करेगी. इससे पहले Apple ने भी बड़े पैमाने पर जॉब कट की घोषणा की थी, जिसके बाद टेक सेक्टर में अनिश्चितता और बढ़ गई है. HP का कहना है कि यह फैसला कंपनी की भविष्य की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें AI आधारित कामकाज को तेजी से अपनाया जा रहा है.
धीरे-धीरे कई विभागों के काम इंसानों के हाथ से निकलकर तकनीक के हवाले हो रहे हैं. ऐसे में प्रोडक्ट डेवलेपमेंट से लेकर कस्टमर सपोर्ट तक, कई पदों पर खतरा मंडरा रहा है.
HP की छंटनी उन नौकरियों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगी, जिनमें मानव हस्तक्षेप अब कम होता जा रहा है. एआई के इस्तेमाल से प्रोडक्ट डेवलेपमेंट और सपोर्ट सिस्टम तेजी से ऑटोमेट हो रहे हैं. जिन कामों को पहले कर्मचारी करते थे, अब मशीनें तेज और अधिक कुशल तरीके से कर रही हैं. इससे कंपनियों को लागत में कटौती होती है, लेकिन कर्मचारियों के लिए नौकरी संकट गहराता जा रहा है.
HP के CEO एनरिक लोरेस ने स्पष्ट कहा कि जॉब कटिंग भविष्य की टेक रेस में बने रहने के लिए जरूरी है. उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी का लक्ष्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम को बड़े पैमाने पर अपनाना है. इस बदलाव के चलते वर्कफोर्स स्ट्रक्चर को नया रूप देना अनिवार्य हो गया है. हालांकि छंटनी ग्लोबल स्तर पर 2028 तक चरणबद्ध तरीके से की जाएगी.
AI के आने से कंपनियां तेजी से तकनीकी समाधान अपनाने लगी हैं. इससे काम की क्वालिटी बेहतर होती है और समय की भी बचत होती है. बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, HP ने earnings प्रेजेंटेशन में यह भी साफ किया कि यह छंटनी ऑर्गेनाइजेशनल रीस्ट्रक्चरिंग का हिस्सा है. यानी टेक सेक्टर में भविष्य अब पारंपरिक कर्मचारियों की जगह तकनीक द्वारा संचालित होगा.
लगातार हो रही छंटनियों ने टेक वर्कर्स की चिंताओं को बढ़ा दिया है. Apple और HP जैसे बड़े ब्रांड्स की कार्रवाई इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में कई नौकरियां AI और ऑटोमेशन की भेंट चढ़ सकती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस बदलाव के साथ तालमेल बैठाने के लिए स्किल्स अपग्रेड ही एकमात्र रास्ता है, वरना टेक सेक्टर में रोजगार की स्थिति और खराब हो सकती है.