भारत में कई धोखाधड़ी के आरोपों का सामना कर रहे किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख व्यवसायी विजय माल्या ने पॉडकास्टर राज शमनी के साथ चार घंटे की बातचीत में खुलकर अपनी बात रखी. गुरुवार को जारी पॉडकास्ट में विजय माल्या ने अन्य बातों के अलावा भारत लौटने के बारे में अपने विचार व्यक्त किए. जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत वापस न आने के कारण उनकी परेशानियां और बढ़ गईं तो विजय माल्या ने जवाब दिया, अगर मुझे भारत में निष्पक्ष सुनवाई और सम्मानजनक जीवन का आश्वासन मिलता तो में इसपर विचार करूंगा.
इसके बाद शमनी ने माल्या से पूछा कि अगर उन्हें निष्पक्ष सुनवाई का आश्वासन दिया जाए तो क्या वह भारत लौटने को तैयार होंगे, जिस पर उन्होंने कहा, "अगर मुझे आश्वासन दिया जाता है, तो निश्चित रूप से मैं इस बारे में गंभीरता से सोचूंगा. लेकिन, आपको यह भी पता होना चाहिए कि ऐसे अन्य लोग भी हैं जिन्हें भारत सरकार ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पित करने के लिए लक्षित कर रही है जिनके मामले में उन्हें अपीलीय उच्च न्यायालय से यह निर्णय मिला है कि भारतीयों की हिरासत की स्थितियां ईसीएचआर (मानव अधिकारों पर यूरोपीय सम्मेलन) के अनुच्छेद 3 का उल्लंघन करती हैं और इसलिए उन्हें वापस नहीं भेजा जा सकता है.
मुझे भगोड़ा कहना चाहते हैं, तो कहिए
भारत छोड़कर वापस न आने और इसके लिए भगोड़ा कहे जाने पर माल्या ने कहा कि यह उचित है. हालांकि, उन्होंने सवाल उठाया कि उन्हें चोर क्यों कहा जा रहा है और चोरी कहां है. माल्या ने कहा कि मार्च (2016) के बाद भारत न जाने के कारण मुझे भगोड़ा कहिए. मैं भागा नहीं, मैं पहले से तय यात्रा पर भारत से बाहर गया था. ठीक है मैं उन कारणों से वापस नहीं लौटा जिन्हें मैं उचित मानता हूं, इसलिए यदि आप मुझे भगोड़ा कहना चाहते हैं, तो कहिए, लेकिन 'चोर' कहाँ से आ रहा है. 'चोरी' कहां से आ रही है?"
विजय माल्या की कानूनी परेशानियां
इस साल अप्रैल में विजय माल्या ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) सहित उधारदाताओं के 11,101 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण से संबंधित मामले में लंदन उच्च न्यायालय के दिवालियापन आदेश के खिलाफ अपील खो दी. माल्या 2016 में भारत से भागने के बाद से ब्रिटेन में रह रहे हैं. 2012 में अपनी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के बंद होने के बाद से वह कर्जदाताओं और भारतीय अधिकारियों के साथ लंबी कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं. इस साल फरवरी में माल्या ने कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और बैंकों द्वारा की गई ऋण वसूली का ब्यौरा मांगा. माल्या के कानूनी वकील ने तर्क दिया कि मूल रूप से ₹ 6,200 करोड़ बकाया होने के बावजूद बैंकों ने ₹ 14,000 करोड़ वसूल किए हैं . वकील ने तर्क दिया कि ऋण पूरी तरह से चुका दिया गया है फिर भी वसूली के प्रयास अभी भी जारी हैं और उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि वह बैंकों को वसूल की गई राशि का विवरण देने का निर्देश दे.