इजरायल ने पूरा किया प्लान, एयरस्ट्राइक में हूती विद्रोहियों के PM अहमद अल-रहावी को मार गिराया
इजराइली अधिकारियों का मानना है कि इन हमलों में हूती रक्षा मंत्री मोहम्मद अल-अतीफी और चीफ ऑफ स्टाफ मुहम्मद अब्द अल-करीम अल-गमारी की भी मौत हो गई. इससे एक दिन पहले रक्षा मंत्री समेत 10 सीनियर हूती मंत्रियों को निशाना बनाया गया था.
यमन की राजधानी सना में हुई एक साहसिक एयरस्ट्राइक ने हूती विद्रोहियों के प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी की जान ले ली. यह दावा टाइम्स ऑफ इजरायल ने यमन के अखबार अल-जुम्हुरिया के हवाले से किया है. 28 अगस्त 2025 को इजरायल ने सना में यह हमला अंजाम दिया, जिसमें रहावी अपने अपार्टमेंट में थे. इस हमले में उनके कई करीबी सहयोगी भी मारे गए.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली अधिकारियों का अनुमान है कि इस कार्रवाई में हूती रक्षा मंत्री मोहम्मद अल-अतीफी और चीफ ऑफ स्टाफ मुहम्मद अब्द अल-करीम अल-गमारी भी हताहत हुए. इससे एक दिन पहले 10 वरिष्ठ हूती मंत्रियों, जिनमें रक्षा मंत्री शामिल थे, उन सभी को निशाना बनाया गया था, जो ग्रुप लीडर अब्दुल मलिक अल-हौथी की स्पीच सुनने सना के बाहर एकत्रित हुए थे. यह घटना 30 अगस्त 2025, रात 08:19 बजे तक सुर्खियों में बनी हुई है.
इजरायल के खिलाफ उठने वाले हाथ काट दिए जाएंगे
इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और सेना प्रमुख जनरल इयाल जमीर के साथ मिलकर इन हमलों को मंजूरी दी. काट्ज ने कहा, “हूती विद्रोहियों को पता था कि इजराइल को निशाना बनाने के परिणाम क्या होंगे. हमने यमन में हूतियों को चेतावनी दी थी, जो कोई भी इजरायल के खिलाफ हाथ उठाएगा, उसका हाथ काट दिया जाएगा.”
इजरायली सेना का दावा है कि हूती ईरान के निर्देश और फाइनेंशियल मदद से संचालित हो रहे हैं, जिसका मकसद इजरायल और उसके सहयोगियों को नुकसान पहुंचाना, क्षेत्रीय स्थिरता को कमजोर करना और वैश्विक शिपिंग रूट में बाधा डालना है.
लाल सागर से सना तक पहुंची तनाव की आंच
हूती विद्रोही यमन के लाल सागर तट और उत्तरी-पश्चिमी क्षेत्रों, जिसमें सना शामिल है, और उन पर कब्जा जमाए हुए हैं. इजरायल-हमास युद्ध के दौरान उन्होंने इजरायल पर मिसाइलें और ड्रोन दागे, साथ ही लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाया. इसके जवाब में इजरायल और अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन ने सना और तटीय शहर होदेदा पर महीनों तक तीव्र हमले किए. मई में सना एयरपोर्ट भी इजराइली हमलों के कारण ठप्प हो गया था.
ट्रंप प्रशासन ने मई में जहाजों पर हमलों को रोकने के बदले हूती हमले बंद करने का समझौता घोषित किया था, लेकिन हूतियों ने साफ किया कि “इस समझौते में इजरायली ठिकानों पर हमले रोकने की बात नहीं थी.”
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