दोहरी नागरिकता वाली आयसेनुर एज़गी ईगी, नाबलस के पास बेइटा कस्बे में नई यहूदी बस्ती बनने के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेने पहुंची थी, जहां ईगी को इसराइली सैनिकों ने गोली मार दी. इसराइली डिफेंस फ़ोर्सेज़ (आईडीएफ़) ने कहा कि इलाके में गोली चलने से एक विदेशी नागरिक की मौत की खबरों की पड़ताल की जा रही है. खबरों के मुताबिक बीते शुक्रवार को हुए प्रदर्शन में ईगी पहली बार शामिल हुई थी. जहां गोलीबारी में उसकी मौत हो गई. वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस घटना को दुखद बताया है जबकि तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने इसराइली कार्रवाई को बर्बर बताया है.
वहीं तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईगी को नाबलस शहर में इसराइली कब्जाधारी सैनिकों ने मार डाला. बता दें कि व्हाइट हाउस ने इस बारे में कोई आरोप नहीं लगाया है लेकिन इसराइल से इस मामले की जांच करने का आदेश दिया है. मिली जानकारी के मुताबिक ईगी को गोली लगने के तुरंत बाद राफ़िदिया हॉस्पिटल पहुंचाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.अस्पताल के प्रमुख डॉ. फ़ौद नाफ़ा ने इस बात की पुष्टि की है कि अमेरिकी नागरिक को सिर में गोली मारी गई थी.
वहीं इस पूरी घटना पर इसराइली सेना ने अपने एक बयान में कहा, बेइता के पास के इलाकें में इसराइली सुरक्षा बलों की कार्यवाही के दौरान सैनिकों ने हिंसा भड़काने वाले मुख्य व्यक्ति की ओर गोली चलाई थी. इस व्यक्ति ने सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके थे और इससे उसको खतरा लगा. पूरे मामले की जांच आईडीएफ कर रहा है, यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि कैसे एक विदेशी नागरिक की मौत हुई. घटना की विस्तृत जानकारी और किन हालात में मौत हुई इसकी पड़ताल की जा रही है.'