China Taiwan Conflict: चीन ताइवान पर फिर से भड़क गया है. वह द्वीपीय देश को चारों ओर से घेरकर युद्धाभ्यास कर रहा है. इस युद्धाभ्यास में चीनी थल सेना, वायु सेना, नेवी और रॉकेट फोर्सेज संयुक्त रूप से हिस्सा ले रही हैं. इसके पीछे की अहम वजह है ताइवान के चीन विरोधी नेता का राष्ट्रपति पद की शपथ लेना. चीन विरोधी नेता लाई चिंग-ते ने तीन दिन पहले ही राष्ट्रपति पद की शपथ ली है.
ताइवान के नए राष्ट्रपति ने शपथ के बाद अपने भाषण में चीन को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि चीन अब ताइवान को धमकाना बंद कर दे. लाई चिंग-ते ने ताइवान जलडमरूमध्य में बीजिंग से शांति बनाए रखने की अपील की है. ली की शपथ के बाद चीनी सेना के स्पोक्सपर्सन कर्नल शी ने कहा कि ताइवान के लोगों को इसकी सजा मिलेगी. उन्होंने अपने बयान में कहा था कि चीन की जल सेना, नौसेना, वायु सेना संयुक्त युद्धाभ्यास में ताइवान की आजादी की मांग करने वाले अलगाववादियों का फन कुचल देगी.
The Eastern Theater Command of the Chinese People's Liberation Army (PLA) are conducting joint military drills surrounding the island of Taiwan from Thursday to Friday. pic.twitter.com/GvtwDJCJA1
— China Xinhua News (@XHNews) May 23, 2024
ताइवान के नए राष्ट्रपति डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) के नेता हैं. उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी कुओमितांग पार्टी के कैंडिडेट होउ यू-इह को बंपर वोटों से हराया था. लाई की पार्टी ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन करती है. इससे पहले वे ताइवान के उपराष्ट्रपति पद पर रह चुके हैं. वहीं, कुओमितांग पार्टी को चीन का समर्थक माना जाता है.
चीन दरअसल पश्चिमी प्रशांत महासागर में अपनी ताकत में इजाफा करने के लिए ताइवान को परेशान करता रहा है. चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानता है. चीन आए दिन उसके ऊपर अपने फाइटर जेट उड़ाता है और उसके तटों पर युद्धाभ्यास करता है. चीन ताइवान पर यदि कब्जा करने में सफल हो जाता है तो इससे गुआम और हवाई में मौजूद अमेरिकी मिलिट्री बेस के लिए खतरा पैदा हो जाएगा.