इस महीने की शुरुआत में ईरान पर अमेरिकी वायु सेना के उच्च जोखिम वाले बमबारी मिशन पर गोपनीयता की छाया मंडरा रही है. इसके बेशकीमती बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स गायब बताया जा रहा है. हालांकि ऑपरेशन मिडनाइट हैमर नामक यह अभियान अधिकांश मापदंडों के अनुसार सफल रहा, लेकिन रिपोर्ट बताती है कि सभी विमान योजना के अनुसार घर नहीं लौटे.
यूरेशियन टाइम्स की विस्तृत रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी वायु सेना ने 21 जून को मिसौरी के व्हाइटमैन एयर फ़ोर्स बेस से बी-2 बमवर्षकों के दो समूहों को लॉन्च किया. सात बी-2 वाले एक समूह ने पूर्व की ओर उड़ान भरी और ईरान के भारी किलेबंद परमाणु स्थलों फोर्डो और नतांज़ पर सीधे सटीक हमले किए. कथित तौर पर स्टील्थ बमवर्षकों ने भूमिगत यूरेनियम संवर्धन सुविधाओं को निशाना बनाते हुए 14 GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) बंकर-बस्टर बम गिराए.
बी-2 का दूसरा समूह प्रशांत महासागर के ऊपर पश्चिम की ओर उड़ गया, जिसके बारे में सूत्रों का कहना है कि यह ईरानी और बाकी के देशों को डाउट में रखने का प्लान था. जबकि हमलावर समूह ने 37 घंटे का कठिन राउंड-ट्रिप मिशन पूरा किया और सुरक्षित रूप से वापस लौट आया, लेकिन नकली समूह का ठिकाना अभी भी अस्पष्ट है खासकर एक विमान के बारे में जो अब हवाई में फंसा हुआ माना जाता है.
होनोलुलु में गुप्त लैंडिंग
रिपोर्ट्स बताती हैं कि नकली समूह के एक स्टील्थ बॉम्बर को जिसका नाम MYTEE 14 था, होनोलुलु के डैनियल के इनौये इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी जो हिकम एयर फ़ोर्स बेस के साथ रनवे एक्सेस साझा करता है. विमान में कथित तौर पर उड़ान के बीच में तकनीकी खराबी आ गई और सुरक्षा कारणों से उसे डायवर्ट कर दिया गया. तब से यह हवाई में ही रुका हुआ है.
भूतपूर्व अमेरिकी वायुसेना पायलट डेविड मार्टिन द्वारा पोस्ट किया गया एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है जिससे खराबी की प्रकृति के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं. अमेरिकी वायुसेना ने परिचालन सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए न तो आपातकाल के विवरण की पुष्टि की है और न ही मरम्मत के लिए समयसीमा बताई है.
हवाई में बी-2 घटनाओं का इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब बी-2 स्पिरिट हवाई में फंसी हो. अप्रैल 2023 में एक अन्य स्टील्थ बॉम्बर ने इन-फ़्लाइट सिस्टम की विफलता के बाद हिकम में आपातकालीन स्टॉप बनाया था. यह घटना दिसंबर 2022 में व्हाइटमैन एएफबी में हुई दुर्घटना के कुछ ही महीने बाद हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप पूरे बी-2 बेड़े को अस्थायी रूप से ग्राउंडेड होना पड़ा था. बाद में उस दुर्घटना को एक खराबी के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था जिसके कारण बॉम्बर रनवे से हट गया और उसमें आग लग गई.