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India Daily

20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप मचाएंगे तहलका, राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही करेंगे ये काम, लाखों लोगों की उड़ जाएगी नींद

डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद, उनका सबसे बड़ा प्राथमिक कदम देश में अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कठोर कदम उठाना होगा, जिसे लेकर उनके प्रशासन की योजना पहले से ही तैयार है. इसके अलावा, वे अन्य बड़े मुद्दों पर भी त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं, जिससे उनकी सरकार के पहले दिन ही बड़े बदलाव नजर आएंगे.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
What will be Donald Trump first step after taking oath illegal immigration
Courtesy: Social Media

20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति पद के रूप में शपथ लेंगे. शपथ लेने के बाद ही अमेरिका के नए राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप कई तरह के कड़े फैसले लेंगे. ट्रम्प की प्राथमिकताएं साफ हैं और वे देश के मुद्दों पर तुरन्त कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं. उनका पहला बड़ा कदम अवैध अप्रवासियों के खिलाफ एक बड़े अभियान की शुरुआत होगी, जो शपथ ग्रहण के अगले दिन शिकागो में शुरू किया जाएगा.

अवैध अप्रवासियों पर होगी बड़ी कार्रवाई

डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति पद के लिए चुनावी अभियान के दौरान यह वादा किया था कि वे अमेरिका में अवैध अप्रवासियों के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई करेंगे. इसके तहत अवैध रूप से देश में रहने वाले अप्रवासियों को उनके आपराधिक रिकॉर्ड के आधार पर निशाना बनाया जाएगा. ट्रम्प प्रशासन का लक्ष्य उन अप्रवासियों को हटाना है जिनके खिलाफ किसी न किसी अपराध का आरोप है, चाहे वह मामूली यातायात उल्लंघन ही क्यों न हो.

ट्रंप के निशाने पर शिकागो

शिकागो को इस बड़े अभियान का केंद्र क्यों बनाया गया, इस पर कई कारण हैं. शहरी इलाकों में अवैध अप्रवासियों की बड़ी संख्या मौजूद है और यह शहर "सैंक्चुरी सिटी" के रूप में जाना जाता है, जहाँ स्थानीय प्रशासन ने संघीय प्रवासन अधिकारियों के साथ सहयोग करने में सीमितता दिखाई है. इसके अलावा, ट्रम्प का शिकागो के डेमोक्रेटिक मेयर ब्रैंडन जॉनसन के साथ राजनीतिक विवाद भी इस शहर को लक्ष्य बनाने के कारण हो सकता है. ट्रम्प के प्रशासन ने शिकागो में एक बड़ा अभियान शुरू करने की योजना बनाई है, और यदि मेयर जॉनसन इस प्रक्रिया में बाधा डालते हैं, तो उन्हें कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है.

कौन से शहर होंगे निशाने पर?

ट्रम्प प्रशासन का लक्ष्य केवल शिकागो तक सीमित नहीं रहेगा. यह अभियान अन्य बड़े शहरों जैसे लॉस एंजिल्स, न्यूयॉर्क, मियामी और डेनवर को भी अपनी पकड़ में ले सकता है, जहाँ अप्रवासियों की संख्या अधिक है. इसके अलावा, ट्रम्प की टीम स्थानीय शेरिफ़ों को अधिक अधिकार देने और उन लोगों पर आर्थिक दंड लगाने के बारे में सोच रही है जो संघीय अधिकारियों के आदेशों का पालन नहीं करते हैं.

क्या होंगे इसके प्रभाव?

अर्थशास्त्रियों और व्यापारिक नेताओं का मानना है कि ट्रम्प द्वारा प्रस्तावित इस बड़े पैमाने पर निर्वासन से अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. खासकर उन उद्योगों में जो श्रमिकों पर निर्भर हैं, जैसे निर्माण, कृषि और सेवा उद्योग. हालांकि, अमेरिकी इमिग्रेशन और कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) के आंकड़ों के मुताबिक, जो बाइडन के प्रशासन के तहत भी पिछले वर्ष 271,000 से अधिक अप्रवासियों को निर्वासित किया गया, जो ट्रम्प के रिकॉर्ड से भी अधिक है.