नई दिल्लीः मुस्लिम देशों में इन दिनों एक मांग बड़ी जोर-शोर से उठ रही है और वह मांग है हलाल हॉलीडे की. इसकी मांग खासतौर पर महिलाओं के द्वारा उठाई जा रही है. हमने देखा है अक्सर महिलाएं इस्लाम के कट्टर नियमों के चलते अपने अधिकारों के लिए मांग करती नजर आती हैं. हलाल हॉलीडे का मामला थोड़ा अलग है.हलाल हॉलीडे में लोग इस्लामिक नियमों और रीति रिवाजों के दायरे में नहीं रहना चाहते. ऐसे में सवाल उठता है आखिर ये हलाल हॉलीडे क्या होता है?
जानिए क्या है हलाल हॉलीडे
हलाल हॉलीडे को एक तरह का टूरिज्म माना जा रहा है, जिसमें आप इस्लामिक नियम कानूनों का पालन करते हुए कहीं भी घूम सकते हैं. इस हॉलीडे के मुताबिक, मुस्लिम लोगों को अपनी धार्मिक मान्यताओं से बगैर समझौता किए बिना इस छुट्टी का आनंद ले सकते हैं. इस हॉलीडे को लेकर अब कई प्रकार के होटल, वेकेशन डेस्टिनेशन भी खुल चुके हैं. यहां पर मुस्लिमों को एडवेंचर, एंटरटेनमेंट का पूरा लुत्फ मिलता है. इन जगहों पर इस्लामिक नियमों का भी खासा ध्यान रखा जाता है.
इसे कुछ इस तरह समझिए
अगर हम इसे एक उदाहरण के जरिए देखें तो जब कई मुसलमान एक साथ घूमने के लिए जाते हैं और वहां वह इस तरह के होटल खोजते हैं जहां शराब नहीं मिलती हो. इसके लिए उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. हलाल हॉलीडे को देखते हुए होटलों को कुछ इस तरह बनाया गया है कि उसमें मुस्लिम लोगों को न शराब की टेंशन हो और न ही खाने की कोई टेंशन. यहां पर कपड़ों को लेकर भी नियम इस्लाम धर्म के अनुसार ही होते हैं.
220 बिलियन डॉलर का हो चुका व्यवसाय
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, हलाल हॉलीडे पर जाने वाली एक मुस्लिम महिला का कहना है कि वो रेस्टोरेंट में कम कपड़े पहनने वाले लोगों को नहीं देखना चाहती. वह चाहती है कि उसके बच्चे ऐसे लोगों के साथ रहें जो संस्कृति का पालन करते हों. ऐसे में यह जगह मुस्लिम लोगों को काफी पसंद आ रही है. ग्लोबल मुस्लिम ट्रैवल इंडेक्स के मुताबिक, 2022 तक हलाल ट्रैवल का व्यवसाय 220 बिलियन डॉलर का हो चुका है.
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