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अमेरिका ने खत्म किया प्रवासियों के वर्क परमिट का ऑटो-रिन्यूअल, इन लोगों पर पड़ेगा असर!

अमेरिका के वर्क परमिट रिन्यूअल को लेकर एक बड़ा बदलाव किया जा रहा है. इसका असर भारतीय कर्मचारी जो वहां काम कर रहे हैं, उन पर भी पड़ेगा.

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Edited By: Shilpa Srivastava
US Work Permit Auto Renewal India Daily
Courtesy: Grok AI

नई दिल्ली: अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने इमिग्रेशन पॉलिसी में एक बड़ा बदलाव किया है. इससे अमेरिका में काम करने वाले कई भारतीयों समेत हजारों विदेशी कर्मचारियों पर असर पड़ेगा. डिपार्टमेंट ने प्रवासी कर्मचारियों के वर्क परमिट के ऑटोमैटिक रिन्यूअल को खत्म करने का फैसला किया है. इसका सीधा मतलब यह है कि अब कर्मचारियों को तब तक काम करने की अनुमति नहीं मिलेगी, जब तक उनकी रिन्युअल एप्लीकेशन प्रोसेस नहीं हो जाती है.

बता दें कि यह नया नियम आज से लागू होने जा रहा है. इस नियम का मकसद प्रवासी कर्मचारियों के एम्प्लॉयमेंट ऑथराइजेशन डॉक्यूमेंट्स को रिन्यू कराने से पहले उनकी स्क्रीनिंग और बैकग्राउंड चेक को और सख्त बनाना है. DHS ने कहा कि यह फैसला वेरिफिकेशन प्रोसेस को बेहतर बनाने और धोखाधड़ी को रोकने के लिए लिया गया है.

ऐप्लिकेशन को किया जाएगा ज्यादा बार चेक:

इस नए नियम के मुताबिक, 30 अक्टूबर के बाद अपने EAD को रिन्यू करने के लिए जो भी अप्लाई करेगा, उसे ऑटोमैटिक एक्सटेंशन नहीं मिलेगा. डिपार्टमेंट ने बताया कि इससे यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज कर्मचारियों की ऐप्लिकेशन ज्यादा बार चेक कर पाएगा और जिन पर शक होगा उनकी पहचान कर उन्हें देश से निकाला जा सकेगा.

अमेरिका में काम करना एक प्रिविलेज है, अधिकार नहीं- एडलो

इस बीच USCIS के चीफ जोसेफ एडलो ने इसे ऐसा कदम बताया जो कॉमन सेंस से भरा हुआ है. उन्होंने कहा है कि यह नियम सुनिश्चित करेगा कि हर ऐप्लिकेंट के वर्क ऑथराइजेशन को बढ़ाने से पहले उसकी ठीक से जांच की जा सके. इसके साथ ही उन्होंने सभी विदेशी कर्मचारियों को याद दिलाया कि संयुक्त राज्य अमेरिका में काम करना एक प्रिविलेज है, अधिकार नहीं.

भारत और चीन के हाई स्किल्ड प्रोफेशनल्स को मिलता है वीजा:

बता दें कि हर साल, अमेरिका में लगभग 450,000 लोग EAD रिन्यूअल के लिए अप्लाई करते हैं. USCIS हर महीने लगभग 49,000 एप्लीकेशन हैंडल करता है. इस नया नियम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस नियम के बाद आया है, जिसमें उन्होंने H-1B वीजा के लिए 100,000 डॉलर की सालाना एप्लीकेशन फीस की घोषणा कर सभी को चौंका दिया था. आपको बता दें कि भारत और चीन के हाई स्किल्ड प्रोफेशनल्स को ही यह वीजा दिया जाता है.